राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी को कोसा – कांग्रेस ने दलितों-पिछड़ों का भरोसा तोड़ा, तभी RSS को मिली सत्ता
नई दिल्ली, 30 जनवरी। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष व मौजूदा समय लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को अपनी ही पार्टी को कोसते हुए कहा कि यदि कांग्रेस ने दलित, पिछड़ों और अति पिछड़ों का भरोसा कायम रखा होता तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कभी सत्ता में नहीं आता। उन्होंने ‘दलित इन्फ्लुएंसर्स’ को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि वह अपनी पार्टी में ‘आंतरिक क्रांति’ लाएंगे और संगठन में वंचित तबकों के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
1990 के दशक से वंचित वर्गों के हितों की यथोचित रक्षा नहीं कर पाई कांग्रेस
राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि 1990 के दशक से कांग्रेस वंचित वर्गों के हितों की उस तरह से रक्षा नहीं कर पाई, जिस तरह उसे करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘हमने दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों का विश्वास बरकरार रखा होता तो आरएसएस कभी सत्ता में नहीं आता…इंदिरा गांधी जी के समय पूरा भरोसा बरकरार था। दलित, आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यक सब जानते थे कि इंदिरा जी उनके लिए लड़ेंगी।’
‘पार्टी में आंतरिक क्रांति लाने के साथ वंचितों को उचित प्रतिनिधित्व देंगे‘
उन्होंने कहा, ‘1990 के बाद विश्वास में कमी आई। इस वास्तविकता को कांग्रेस को स्वीकार करना पड़ेगा…कांग्रेस को जिस प्रकार से आपके हितों की रक्षा करनी थी, उसने नहीं की। इस बयान से मुझे नुकसान हो सकता है, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि यह सच है। कांग्रेस में पहले आंतरिक क्रांति लानी पड़ेगी, जिसमें हम आप लोगों को (संगठन में) शामिल करें।’
भाजपा-आरएसएस के रहते दलित व पिछड़ों की समस्याएं हल नहीं होने वालीं
राहुल ने यह भी दावा किया कि हिन्दुस्तान की शिक्षा व्यवस्था कभी भी दलितों और पिछड़ों के हाथ में नहीं रही। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा ढांचे में दलित और पिछड़ों की समस्याएं हल नहीं होने वाली हैं क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने पूरे सिस्टम को नियंत्रण में ले लिया है।’ उन्होंने कहा कि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों के लिए ‘दूसरी आजादी’ आने वाली है, जिसमें सिर्फ राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए नहीं लड़ना है बल्कि संस्थाओं और कॉरपोरेट जगत में हिस्सेदारी लेनी होगी।
केजरीवाल भी नरेंद्र मोदी की ही तरह दलित विरोधी
कांग्रेस नेता ने यह आरोप भी लगाया कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही दलित विरोधी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूं कि जब केजरीवाल जी (राजनीति में) आए तो मैंने शुरुआत में उन्हें समझने की कोशिश की। मुझे समझ आया कि केजरीवाल भी नरेंद्र मोदी की तरह एंटी रिजर्वेशन और एंटी दलित हैं। ये मोदी जी से थोड़ा ज्यादा परिष्कृत हैं। भाजपा वाले तो पूरी तरह फ्रॉड हैं, ये देश को नहीं चला सकते।’
