राहुल गांधी का आरोप – पीएम मोदी के ‘मास्टर स्ट्रोक’ के कारण 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ दी
नई दिल्ली, 26 अप्रैल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उनके एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ के कारण देश के 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ दी है। कांग्रेस नेता ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर यह ताजा हमला किया है।
उल्लेखनीय है कि ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी’ (सीएमआईई) की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच, कुल श्रम भागीदारी दर 46 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत हो गई, लगभग 2.1 करोड़ श्रमिकों ने काम छोड़ा और केवल नौ प्रतिशत पात्र आबादी को रोजगार मिला। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में मौजूदा समय 90 करोड़ लोग रोजगार के पात्र हैं, जिनमें से 45 करोड़ से ज्यादा लोगों ने अब काम की तलाश भी छोड़ दी है।
न्यू इंडिया का न्यू नाराः
हर-घर बेरोज़गारी
घर-घर बेरोज़गारी75 सालों में मोदी जी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनके ‘Masterstrokes’ से 45 करोड़ से ज़्यादा लोग नौकरी पाने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं। pic.twitter.com/rph7Ogt9nU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 26, 2022
राहुल गांधी ने उसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘न्यू इंडिया का न्यू नारा : हर-घर बेरोज़गारी, घर-घर बेरोजगारी। 75 साल में मोदी जी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनके ‘मास्टर स्ट्रोक’ से 45 करोड़ से ज़्यादा लोग नौकरी पाने की उम्मीद ही छोड़ चुके हैं।’
प्रियंका गांधी बोलीं – युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस रिपोर्ट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है।
सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश में अगर सरकार आशा और उम्मीदों की बजाय निराशा व हताशा के बीज बो रही है, तो देश एवं युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है।
"45 करोड़ लोगों ने हताश होकर रोजगार तलाशना छोड़ दिया"।
आज के दौर में यह हमारी सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए। pic.twitter.com/FbX65cEJks
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) April 26, 2022
प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश में अगर सरकार आशा और उम्मीदों की बजाय निराशा व हताशा के बीज बो रही है तो देश एवं युवाओं के भविष्य के लिए इससे बड़ा खतरा कोई नहीं है। 45 करोड़ लोगों ने हताश होकर रोजगार तलाशना छोड़ दिया। आज के दौर में यह हमारी सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए।’