
पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाया, डल्लेवाल सहित कई किसान नेता हिरासत में, इंटरनेट सेवाएं बंद
शंभू बॉर्डर (पंजाब), 19 मार्च। पंजाब पुलिस ने बुधवार की रात पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसानों की ओर से महीनों से जारी धरना समाप्त करा दिया और टेंटों को तोड़ दिया। किसानों की एक बड़ी संख्या अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर यहां धरने पर बैठी थी। शंभू बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती काफी बढ़ा दी गई थी। पुलिस ने किसान मजदूर मोर्चा का कार्यालय और किसानों की ओर से बनाए गए पक्के मोर्चों को तोड़ दिया। इसी क्रम में जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर सहित कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।
किसानों को हटाने के लिए शंभू बॉर्डर पर बुलडोजर का प्रयोग
पुलिस ने बुलडोजर चलाकर किसान मजदूर मोर्चा के कार्यालय और मंच को ध्वस्त कर दिया है। इस काररवाई के तहत शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाया जा रहा है और धरने की पूरी व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि सुबह तक सब क्लियर करा लिया जाएगा। वहीं शंभू और खनौरी दोनों बॉर्डर के आसपास इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
40 से 50 किसानों ने आत्मसमर्पण किया
पंजाब पुलिस की ओर से डीआईजी हरमिंदर सिंह गिल ने कहा कि अब तक 40 से 50 किसानों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया, ‘यदि कोई किसान गिरफ्तारी के लिए कहेगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, जबकि यदि कोई छोड़ने की मांग करेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि हमने उन्हें बंधक बना लिया है।’
फिलहाल पुलिस की काररवाई में गैरकानूनी तरीके से बनाए गए सभी निर्माणों को तोड़ा जा रहा है। अगले कुछ घंटों में शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से खाली करवा लिया जाएगा। इस काररवाई के दौरान हरियाणा पुलिस भी अपनी ओर से बैरियर हटाने की प्रक्रिया में लगी है। जैसे ही हरियाणा पुलिस अपना बैरियर हटाएगी, शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा और रूट को क्लीयर कर दिया जाएगा।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर बोले – ‘हम अंतिम सांस तक लड़ेंगे‘
इससे पहले शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती और दर्जनों एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और बुलडोजर की तैनाती को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘हम कहना चाहते हैं कि हमें मारे बिना यहां से मोर्चा खाली नहीं हो सकता। हम पंजाब, हरियाणा के किसानों से कहना चाहते हैं कि एक-एक ट्रॉली यहां लेकर आ जाओ, यह मसला किसी न किसी ओर जाएगा। अंतिम सांस तक लड़ेंगे। सरकार बड़ी है, लेकिन जनता से बड़ी नहीं हो सकती।’
डल्लेवाल और पंधेर सहित कई किसान नेता हिरासत में
इस बीच केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद लौट रहे सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में हिरासत में लिया गया। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि किसान नेताओं को मोहाली में तब हिरासत में लिया गया, जब वे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद शंभू विरोध स्थल की ओर लौट रहे थे।
वहीं पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने किसानों को प्रदर्शन स्थलों से हटाए जाने को उचित ठहराते हुए कहा कि राज्य के लिए जीवनरेखा सरीखें दो राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) युवाओं और रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है। यदि व्यापार और उद्योग सुचारू रूप से चलते रहेंगे तो उन्हें रोजगार मिलेगा।
पिछले वर्ष 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर हैं किसान
दरअसल, दोनों विरोध स्थलों पर पुलिस काररवाई के संकेत सुबह से ही मिलने लगे थे क्योंकि वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। वहीं किसान नेताओं ने चंडीगढ़ में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। किसानों ने बताया कि प्रदर्शन स्थलों के पास एम्बुलेंस, बसें, अग्निशमन और दंगा रोधी वाहन तैनात किए गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसान पिछले वर्ष 13 फरवरी को दिल्ली कूच करने से रोके जाने के बाद से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू (शंभू-अंबाला) और खनौरी (संगरूर-जींद) सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों संग बातचीत का अगला दौर 4 मई को
इसके पूर्व दिन में चंडीगढ़ में किसानों की विभिन्न मांगों पर चर्चा के लिए किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच ताजा दौर की वार्ता बेनतीजा रही। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। चर्चा सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को होगी। मंगत ने दावा किया कि किसानों को उनके गंतव्य की ओर जाने से रोकने के लिए मोहाली में बड़े पैमाने पर अवरोधक लगाए गए।