मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना भारत की मुख्य प्राथमिकता : राष्ट्रपति कोविंद
अश्गाबात (तुर्कमेनिस्तान), 3 अप्रैल। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि मध्य एशियाई देशों के साथ कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना भारत की प्रमुख प्राथमिकता है। वह तुर्कमेनिस्तान की अपनी यात्रा के तीसरे दिन रविवार को अश्गाबात में इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स में युवा राजनयिकों को संबोधित कर रहे थे।
भारत सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखण्डता का सम्मान करता है
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे और अश्गाबात समझौते का सदस्य है। ईरान में चाबहार बंदरगाह को शुरू करने के कदम उठाए गए हैं, जिससे मध्य एशियाई देशों की समुद्र तक निर्बाध, अनुकूल, सुरक्षित पहुंच हो सकेगी। भारत कनेक्टिविटी बनाने, इसमें निवेश करने और सहयोग करने के लिए तैयार है। भारत सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखण्डता का सम्मान करता है।
President Kovind addressed the Institute of International Relations at Ashgabat and inaugurated the India corner. On this occasion, a commemorative postage stamp was released celebrating 30 years of the establishment of diplomatic relations between India and Turkmenistan. pic.twitter.com/CIvCAGn4e9
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 3, 2022
दुनिया में एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरा है भारत
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया में एक प्रमुख अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरा है और भारत की प्रौद्योगिकी क्षमता ने वैश्विक वार्ताओं को आकार दिया है। भारत की विदेश नीति के प्रमुख स्तंभों में पड़ोसी पहले की नीति है और उसका दर्शन अपने पड़ोंसियों के लिए अपने आर्थिक विकास के लाभ सुनिश्चित करना है। उन्होंने हिन्द प्रशांत क्षेत्र वैश्विक आर्थिक गतिविधियों का केंद्र है और भारत क्षेत्र में खुले, संतुलित नियम आधारित और स्थिर अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय विदेश नीति का मुख्य क्षेत्र मध्य एशियाई देशों के साथ ऐतिहासिक संबंधों की पुर्नस्थापना रहा है। विकासशील देशों के तौर पर भारत और मध्य एशियाई देश आतंकवाद, उग्रवाद, कट्टरपंथ और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी साझी चुनौतियों का सामना करते हैं। दोनों पक्षों के इनसे निबटने के तौर तरीके और दृष्टिकोण भी समान हैं।
President Kovind addressed the Institute of International Relations at Ashgabat and inaugurated the India corner. On this occasion, a commemorative postage stamp was released celebrating 30 years of the establishment of diplomatic relations between India and Turkmenistan. pic.twitter.com/CIvCAGn4e9
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राष्ट्रपति ने इस अवसर पर संस्थान में इंडिया कॉर्नर का उद्घाटन भी किया। इसके लिए भारत सरकार ने कम्प्यूटर, भारत पर पुस्तकें, संगीत उपकरण और अन्य सामग्रियां उपलब्ध कराई हैं।
राष्ट्रपति तुर्कमेनिस्तान से नीदरलैंड्स जाएंगे
इससे पहले दिन में राष्ट्रपति ने अश्गाबात में इटरनल ग्लोरी पर माल्यार्पण किया। वह बाग्तयारलीक खेल परिसर भी गए और महात्मा गांधी की वक्ष प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने योगाभ्यास का एक सत्र भी देखा। राष्ट्रपति कोविंद सोमवार की सुबह तुर्कमेनिस्तान की यात्रा समाप्त कर नीदरलैंड्स के लिए रवाना हो जाएंगे।