संविधान दिवस पर बोले राष्ट्रपति कोविंद – संविधान की शक्ति से भारत अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ रहा
नई दिल्ली, 26 नवंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि संविधान सभी भारतीयों को आपस में जोड़ता है। उन्होंने शुक्रवार को भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ने में देश का नेतृत्व किया। संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने 72 वर्ष पहले इसी केंद्रीय कक्ष में स्वतंत्र भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए इस दस्तावेज को अपनाया था।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि संविधान की शक्ति से भारत अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं को न केवल शुरू से ही मतदान करने का अधिकार दिया गया, बल्कि कई महिलाएं भी संविधान सभा की सदस्य थीं। महिलाओं ने संविधान निर्माण में भी अभूतपूर्व योगदान दिया है।
रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर संसद में आज तक किए गए संशोधनों के साथ संविधान सभा वाद-विवाद के डिजिटल संस्करण और देश के संविधान की एक सुलेखित प्रति भी जारी की।
विधायिका को निष्क्रिय करने के तथ्य पर विचार करने की आवश्यकता : वेंकैया नायडू
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्यसभा के 254वें सत्र के दौरान उत्पादकता घटकर 29.60 रह गई। उन्होंने दुख प्रकट करते हुए कहा कि राज्यसभा ने कार्यात्मक समय का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित व्यक्तियों को विधायिका को निष्क्रिय करने के तथ्य पर विचार करने की आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रस्तावना संविधान के उस दर्शन का सार प्रस्तुत करती है, जिसमें लोगों ने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में प्रमुखता दी है। उन्होंने कहा कि हमारा दृढ़ विश्वास है कि जनता हमारे विकास के केंद्र में रही है।
पीएम मोदी ने कहा – संविधान विविधता भरे इस देश को एक सूत्र में बांधता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनेक बाधाओं का सामना करने के बाद संविधान का मसौदा तैयार हुआ और देश की रियासतों को एकजुट किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस इस सदन को प्रणाम करने का दिन है, जहां पर देश के अनेक नेताओं ने भारत के संविधान को आकार देने के लिए विचार-मंथन किया।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान विविधता भरे हुए इस देश को एक सूत्र में बांधता है। संविधान सिर्फ कई खंडों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह देश की सहस्राब्दियों की महान परंपरा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने और उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए संविधान दिवस हर वर्ष मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘एक नागरिक के रूप में हमारा कर्तव्य उन सभी समृद्ध मूल्यों की रक्षा करना है, जो भारतीय संविधान ने हमारे लिए निर्धारित किए हैं।’
संविधन राष्ट्र के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है : ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत का संविधान गीता के एक आधुनिक संस्करण की तरह है, जो राष्ट्र के हित में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, ‘यदि हम में से प्रत्येक व्यक्ति देश के लिए काम करने का संकल्प करे तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का निर्माण किया जा सकता है।’
संविधान दिवस के अवसर पर कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और अनेक देशों के राजदूत संसद के केंद्रीय कक्ष में मौजूद थे।