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बंदरगाह सुरक्षा के लिए ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी के गठन की तैयारी, अमित शाह ने की समीक्षा बैठक

बंदरगाह सुरक्षा के लिए ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी के गठन की तैयारी, अमित शाह ने की समीक्षा बैठक

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नई दिल्ली, 19 दिसम्बर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जहाजों और बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (BOPS) के गठन को लेकर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री तथा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री भी उपस्थित रहे।

मजबूत और प्रभावी सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर बल

अमित शाह ने बैठक के दौरान देशभर के बंदरगाहों के लिए एक मजबूत और प्रभावी सुरक्षा ढांचा स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सुरक्षा उपायों को व्यापार क्षमता, भौगोलिक स्थिति और अन्य संबंधित मापदंडों को ध्यान में रखते हुए जोखिम-आधारित और चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए।

महानिदेशक करेंगे ब्यूरो का नेतृत्व

बीओपीएस का गठन हाल ही में अधिनियमित मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 2025 की धारा 13 के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा। इस ब्यूरो का नेतृत्व एक महानिदेशक करेंगे और यह केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के अधीन कार्य करेगा। बीओपीएस जहाजों और बंदरगाहों की सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े नियामक और निरीक्षण संबंधी कार्यों के लिए जिम्मेदार होगा।

नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की तर्ज पर होगा BOPS का गठन

बीओपीएस का गठन नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की तर्ज पर किया जा रहा है। इसका नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी (वेतन स्तर-15) द्वारा किया जाएगा। एक वर्ष की संक्रमण अवधि के दौरान, नौवहन महानिदेशक (डीजीएस/डीजीएमए) बीओपीएस के महानिदेशक के रूप में कार्य करेंगे।

साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर

बीओपीएस सुरक्षा से संबंधित सूचनाओं के समयबद्ध विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान को सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके अंतर्गत बंदरगाहों की आईटी अवसंरचना को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने के लिए एक समर्पित प्रभाग भी शामिल होगा।

CISF करेगा बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन 

बंदरगाहों की सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को बंदरगाह सुविधाओं के लिए रिकॉग्नाइज्ड सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन (RSO) के रूप में नामित किया गया है। सीआईएसएफ बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन करेगा और सुरक्षा योजनाएं तैयार करने की जिम्मेदारी निभाएगा।

इसके साथ ही सीआईएसएफ को बंदरगाहों की सुरक्षा में तैनात निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण देने और उनकी क्षमता निर्माण का कार्य भी सौंपा गया है। इन एजेंसियों को प्रमाणित किया जाएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित नियामक उपाय लागू किए जाएंगे कि इस क्षेत्र में केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसियां ही कार्य करें। बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि समुद्री सुरक्षा ढांचे से प्राप्त अनुभवों का उपयोग विमानन सुरक्षा क्षेत्र में भी किया जाएगा।

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