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पेरिस पैरालम्पिक : पूजा फाइनल में नहीं पहुंच सकीं, 7 स्वर्ण सहित 29 पदकों के साथ भारतीय अभियान का समापन

पेरिस पैरालम्पिक : पूजा फाइनल में नहीं पहुंच सकीं, 7 स्वर्ण सहित 29 पदकों के साथ भारतीय अभियान का समापन

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पेरिस, 8 सितम्बर। पेरिस पैरालम्पिक खेलों के अंतिम दिन रविवार को समापन समारोह से पहले भारतीय प्रतिभागिता वाली अंतिम स्पर्धा यानी महिलाओं की कयाक एकल 200 मीटर केएल1 स्प्रिंट कैनोइंग स्पर्धा के फाइनल में पूजा ओझा जगह नहीं बना सकी। इसके साथ ही पैरालम्पिक खेलों के मौजूदा संस्करण में रिकॉर्ड 29 पदकों के साथ भारतीय दल के शानदार अभियान का समापन हो गया।

पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय एथलीटों ने गत 28 अगस्त से प्रारंभ 11 दिवसीय खेलों के दौरान कुल सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पदक जीते। भारत का पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहना तय है। भारत ने पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तीन वर्ष पहले  टोक्यो 2020 में किया था, जब वह पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य सहित 19 पदकों के साथ 24वें स्थान पर रहा था।

पूजा सेमीफाइनल में तीसरे स्थान पर रहकर हुईं बाहर

पूजा रविवार को भारत की तरफ से किसी स्पर्धा में उतरने वालीं इकलौती खिलाड़ी थीं। उन्हें फाइनल में पहुंचने के लिए सेमीफाइनल में शीर्ष तीन में जगह बनाने की जरूरत थी, लेकिन वह 1:17.03 का समय ही निकाल पाई, जो इटली की तीसरे स्थान पर रहीं एलोनोरा डी पाओलिस से 7.03 सेकेंड अधिक था। भारत के एकमात्र पुरुष कैनो धावक यश कुमार शनिवार को केएल1 200 मीटर सेमीफाइनल में पांचवें स्थान पर रहे थे।

हरविंदर सिंह व प्रीति पाल समापन समारोह में भारत के ध्वजवाहक

इस बीच पेरिस पैरालम्पिक खेलों में इतिहास रचने वाले तीरंदाज हरविंदर सिंह और महिला स्प्रिंटर प्रीति पाल भारतीय समयानुसार आज मध्यरात्रि बाद शुरू होने वाले समापन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक होंगे।

उल्लेखनीय है कि 33 वर्षीय हरविंदर सिंह बीते बुधवार को पुरुषों के व्यक्तिगत रिकर्व फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिसजेक को 6-0 से हराकर पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय तीरंदाज बन गए। तीन वर्ष पहले हरविंदर ने टोक्यो 2020 में भी व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था, जो पैरालम्पिक में भारत का पहला तीरंदाजी पदक था।

उधर 23 वर्षीया प्रीति ने पेरिस 2024 में T35 वर्ग में महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीते। वह पैरालम्पिक में ट्रैक पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनीं।

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