1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला – एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी
पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला – एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला – एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी

0
Social Share

नई दिल्ली, 14 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शनिवार को लोकसभा में ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब देते हुए एक ओर जहां अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और देश की एकता के लिए उठाए गए कदमों जैसे आर्टिकल-370, जीएसटी, हेल्थ कार्ड व राशन कार्ड आदि का जिक्र किया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर जमकर हमला करते हुए हुए कहा कि एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है

पीएम मोदी ने दो घंटे के अपने संबोधन में कहा, ‘हमारा संविधान भी भारत की एकता का आधार है। हमारे संविधान के निर्माण में इस देश के बड़े दिग्गज रहे हैं। समाज के हर वर्ग का प्रतिनिधित्व था। सभी भारत की एकता के लिए बहुत संवेदनशील थे। बाबासाहेब आंबेडकर जी ने चेताया था कि समस्या यह है कि देश में जो विविधता से भरा जनमानस है, उसे किस तरह एकमत किया जाए। कैसे देश के लोगों को एक साथ होकर निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे देश में एकता की भावना पैदा हो।

कुछ लोगों की विकृत मानसिकता के कारण संविधान के मूलभाव पर प्रहार हुआ

उन्होंने कहा, ‘मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आजादी के बाद विकृत मानसिकता के कारण अगर सबसे बड़ा प्रहार हुआ है तो वह संविधान के मूलभाव पर प्रहार हुआ है। इस देश की प्रगति विविधता में एकता सेलिब्रेट करने में रही है। लेकिन गुलामी की मानसिकता में पैदा हुए लोग, जिनके लिए हिन्दुस्तान 1947 में ही पैदा हुआ, वह विविधता में एकता को सेलिब्रेट करने के बजाय, उसमें इस तरह जहर बोते रहे कि उससे चोट पहुंचे।’

‘भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बहुत ही जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में मजबूत कदम रख रहा है। 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है कि जब आजादी की शताब्दी मनाएंगे तो देश को विकसित भारत बनाकर रहेंगे। इस संकल्प से सिद्धि के लिए सबसे बड़ी जरूरत है, वह है भारत की एकता।

पीएम मोदी ने कहा, ‘जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं, जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है। भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है, अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने जमीन में गाड़ दिया।’

इंदिरा गांधी ने देश पर इमरजेंसी थोपी

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान संशोधन का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि वह समय-समय पर संविधान का शिकार करती रही। संविधान के स्पिरिट को लहूलुहान किया। छह दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया, उसको खाद पानी एक और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया। 1971 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संविधान बदलकर पलटा गया। उन्होंने देश की अदालत के पंख काट दिए थे। उन्होंने तब अदालत के अधिकारों को छीना था। कोई रोकने वाला था नहीं। इसलिए जब इंदिरा जी के चुनाव को अदालत ने खारिज कर दिया और उनको सांसद पद छोड़ने की नौबत आई, तो उन्होंने गुस्से में देश पर इमरजेंसी थोप दी। अपनी कुर्सी बचाने के लिए और उसके बाद 1975 में 39वां संशोधन किया और उसमें उन्होंने क्या किया – राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अध्यक्ष इनके चुनाव के खिलाफ कोई कोर्ट में जा ही नहीं सकता, ऐसा नियम बनाया और इसे पीछे के लिए भी लागू कर दिया।’

जो अपना ही संविधान नहीं मानते, वे देश का संविधान कैसे स्वीकार करेंगे

पीएम ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि जिन्होंने अपनी पार्टी के संविधान को स्वीकार नहीं किया, वे देश का संविधान कैसे स्वीकार कर सकते हैं। इनकी शुरुआत ही गड़बड़ हुई है। कांग्रेस की 12 प्रदेश कमेटियों ने सरदार पटेल के नाम पर सहमति दी थी। नेहरू जी के साथ एक भी कमेटी नहीं थी। संविधान के तहत सरदार साहब ही देश के प्रधानमंत्री बनते। लेकिन लोकतंत्र में श्रद्धा नहीं, खुद के ही संविधान को नहीं माना। इसलिए सरदार जी प्रधानमंत्री नहीं बने और ये बैठ गए। जो लोग अपनी ही पार्टी के संविधान को नहीं मानते, वे देश के संविधान को कैसे स्वीकार कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री के 11 संकल्प

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में 11 संकल्प प्रस्तुत किए, जो इस प्रकार हैं –

  1. चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करें।
  2. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले। सबका साथ, सबका विकास हो।
  3. भष्ट्राचार के प्रति जीरो टॉलरेंस हो, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो।
  4. देश के कानून, देश के नियम, देश की परम्पराओं के पालन में देश के नागरिकों को गर्व होना चाहिए। गर्व का भाव हो।
  5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति हो, देश की विरासत पर गर्व हो।
  6. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले।
  7. संविधान का सम्मान हो, राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए।
  8. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिनको आरक्षण मिल रहा है, वो न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे।
  9. वीमेन लेड डेवलपमेंट में भारत दुनिया के लिए मिशाल बने।
  10. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, ये हमारे विकास का मंत्र हो।
  11. ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का ध्येय सर्वोपरि हो।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code