पीएम मोदी ने बताया – भारत 2047 तक कैसे हासिल करेगा विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य
नई दिल्ली, 4 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य कैसे हासिल होगा, इस बारे में खुद उन्होंने शनिवार को विस्तार से बताया, जब वह बुनियादी ढांचा एवं निवेश के विषय पर आयोजित एक पोस्ट बजट वेबिनार के संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को इकॉनमी के लिए प्रेरक शक्ति मानती है और इससे भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस साल का बजट देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को नई ऊर्जा प्रदान करता है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए इसे 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
‘हम इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को इकॉनमी के लिए प्रेरक शक्ति मानते हैं‘
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को इकॉनमी के लिए प्रेरक शक्ति मानते हैं। भारत इस रास्ते पर चलकर वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।’ उन्होंने कहा कि अब इस विकास की गति को बढ़ाने और ‘टॉप गियर’ में ले जाने की जरूरत है। इसमें ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार सड़क, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे सभी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। इससे बिजनेस के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ‘लॉजिस्टिक’ लागत कम करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के अंतर्गत सरकार का वर्ष 2025 तक 110 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य है।
सरकार का पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ा
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ढांचागत क्षेत्र के इतिहास पर नजर रखने वाले लोग इस बात को बहुत अच्छी तरह जानते हैं।
उन्होंने कहा कि कई दशकों तक भारत में ऐसी सोच लोगों के दिमाग में रही कि गरीबी एक गुण है और पूर्ववर्ती सरकारों को देश के बुनियादी ढांचे में निवेश करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने देश को न सिर्फ इस सोच से निकाला बल्कि आधुनिक ढांचे पर यह बहुत निवेश भी कर रही है।’