पूर्वोत्तर के विकास में हमने कई बाधाओं को फुटबॉल की भांति ‘रेड कार्ड’ दिखाया है : पीएम मोदी
शिलांग, 18 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि उनकी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट के विकास के लिए सामने आई सभी अड़चनों को रेड कार्ड दिखा दिया है। पीएम मोदी ने मेघालय की राजधानी में पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की बैठक की अध्यक्षता की और फिर एनईसी के स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार भाई भतीजावाद, हिंसा, भ्रष्टाचार और वोट बैंक की राजनीति को पूरी तरह खत्म करने की कोशिश कर रही है। देश में इन सब बुराइयों की जड़ें काफी गहरी है, जिससे इमें मिल कर इसे दूर करना होगा।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान खेल और फीफा वल्ड कप फुटबॉल मैच के फाइनल का भी जिक्र किया। कतर में फीफा विश्व कप के फाइनल मुकाबले के मद्देनजर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास की राह में आई कई बाधाओं को ‘रेड कार्ड’ दिखाया है। अपने 26 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार, भेदभाव, हिंसा और वोटबैंक की राजनीति जैसी बाधाओं को हटाया गया। पहले पूर्वोत्तर को बांटने के प्रयास किए गए, लेकिन अब हम इस तरह के प्रयासों को रोक रहे हैं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘जब हम पर फुटबॉल का बुखार सवार है तो इस बात को फुटबॉल की टर्मनोलॉजी में ही समझते हैं। फुटबॉल में जब कोई खिलाड़ी भावना के खिलाफ जाता है तो उसे रेड कार्ड दिखा दिया जाता है और उसे बाहर भेज दिया जाता है। इसी तरीके से पिछले 8 वर्षों से हमने पूर्वोत्तर के विकास में कई बाधाओं को रेड कार्ड दिखाया है।’
खेलों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार खेल को लेकर लगातार आगे बढ़ रही है। स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का भी जिक्र करते हुए कहा, ‘खेलों को लेकर केंद्र सरकार आज एक नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रही है। इसका लाभ नॉर्थ ईस्ट के युवाओं को हुआ है। देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी नॉर्थ ईस्ट में ही है।’
‘नॉर्थ ईस्ट सिर्फ बॉर्डर एरिया बल्कि सुरक्षा और समृद्धि का गेटवे‘
पीएम मोदी ने नार्थ ईस्ट के लिए तकनीक का उल्लेख करते हुए कहा, ‘डिजिटल कनेक्टिविटी से सिर्फ बातचीत व संवाद ही बेहतर नहीं होता बल्कि इससे टूरिज्म से लेकर टेक्नोलॉजी तक, शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक, हर क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ती हैं, अवसर बढ़ते हैं। नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए बॉर्डर एरिया, आखिरी छोर नहीं बल्कि सुरक्षा और समृद्धि का गेटवे हैं। राष्ट्र की सुरक्षा भी यहीं से सुनिश्चित होती है और दूसरे देशों से व्यापार भी यहीं से होता है।’