
नागपुर में पीएम मोदी बोले – आरएसएस साधारण वटवृक्ष नहीं बल्कि भारत की अमर संस्कृति का अक्षयवट
नागपुर, 30 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की खुले दिल से तारीफ करते हुए उसे आधुनिक भारत का अक्षय वट करार दिया है, जो भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को निरंतर ऊर्जा प्रदान कर रहा है। बतौर प्रधानमंत्री पहली बार आरएसएस मुख्यालय पहुंचे पीएम मोदी ने रविवार को संघ के माधव नेत्रालय की एक्सटेंशन बिल्डिंग के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
परोपकार और सेवा रूपी साधना ही हर स्वयंसेवक की प्राणवायु
संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत सहित अन्य गणमान्य अतिथियों की मौजूदगी में पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा शरीर परोपकार और सेवा के लिए ही है। जब सेवा संस्कार बन जाती है, तो साधना बन जाती है। यही साधना हर स्वयंसेवक की प्राणवायु होती है। यह सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु, पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयंसेवक को तप और तपस्या के लिए प्रेरित करती है। उसे न थकने देती है और न ही रुकने देती है। हमारे संतों ने हमारी राष्ट्रीय चेतना को एक नई ऊर्जा दी।‘
स्वामी विवेकानंद ने निराशा में डूब रहे समाज में आशा का संचार किया
पीएम मोदी ने कहा, ‘स्वामी विवेकानंद ने निराशा में डूब रहे समाज को झकझोरा और आशा का संचार किया। गुलामी के कालखंड में डॉक्टर साहब और गुरुजी ने नया विचार दिया। आज महान वटवृक्ष के रूप में आरएसएस दुनिया के सामने है। ये कोई साधारण वटवृक्ष नहीं, बल्कि भारत की अमर संस्कृति का अक्षयवट है, जो निरंतर भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को ऊर्जा प्रदान कर रहा है।’
RSS एक संस्कार यज्ञ, जो अंतर्दृष्टि व बाह्य दृष्टि के लिए काम कर रहा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आरएसएस भी एक ऐसा संस्कार यज्ञ है, जो अंतर्दृष्टि और बाह्य दृष्टि दोनों के लिए काम कर रहा है। बाह्य दृष्टि ने माधव नेत्रालय को जन्म दिया है तो अंतर्दृष्टि ने संघ को सेवा का प्रयाय बना दिया है। ये सेवा संस्कार और साधना पीढ़ी दर पीढ़ी हरेक स्वयंसेवक को प्रेरित करती है, उसे गतिमान रखती है। उसे कभी थकने नहीं देती, उसे कभी रुकने नहीं देती है।’
पूरी दुनिया में गूंज रही भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना
इसके साथ ही पीएम मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम का भाव समझाया। उन्होंने कहा, “‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना, जिसका अर्थ है ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’, अब पूरी दुनिया में गूंज रही है। यह हमारे कार्यों से प्रमाणित हो रहा है। जब कोविड-19 ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया, तो भारत ने वैश्विक समुदाय को अपना परिवार मानते हुए जरूरतमंदों को टीके उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए। हाल ही में म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के जरिए राहत सामग्री भेजी, और तुर्की तथा नेपाल को भी मदद दी। मॉलदीव के जल संकट के दौरान भी भारत ने अपना समर्थन प्रदान किया। संकट के समय में भारत ने अन्य देशों से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक संचालित किया।”
लगभग चार घंटे तक नागपुर में ठहराव के दौरान पीएम मोदी पूर्वाह्न नौ बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। संघ के माधव नेत्रालय की एक्सटेंशन बिल्डिंग के आधारशिला समारोह में डॉ. मोहन भागवत के अलावा, महराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज व स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज भी उपस्थित थे।