नई दिल्ली, 12 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तमिलनाडु में 11 नए सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर का भी उद्घाटन किया। चिकित्सा महाविद्यालयों के निर्माण पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये की लागत आई है। इनमें से लगभग 2,145 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और शेष राशि तमिलनाडु सरकार ने प्रदान की है।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि तमिलनाडु में 11 नए चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन करना एक कीर्तिमान स्थापित करने वाला दिन है। उन्होंने कहा, ‘2014 में हमारे देश में 387 चिकित्सा महाविद्यालय थे, लेकिन पिछले सात वर्षों में ही इनकी संख्या 596 हो गई है। 2014 से पहले देश में केवल सात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) थे, लेकिन अब 22 एम्स को स्वीकृति दी गई है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में देशभर में स्नातक और स्नात्कोत्तर की कुल 82 हजार सीटें थीं, जो पिछले सात सालों में बढ़ कर एक लाख 48 हजार हो गई हैं। क्षेत्रीय असंतुलन समाप्त करते हुए रामनाथपुरम, विरुधुनगर और नीलगिरी के पिछड़े जिलों में चिकित्सा महाविद्यालयों का उद्घाटन किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के अंतर्गत आठ हजार मेडिकल स्टोर के माध्यम से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। अगले पांच वर्षों में तमिलनाडु को शहरी स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के लिए तीन हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इन जिलों में स्थापित किए गए हैं नए चिकित्सा महाविद्यालय
नए चिकित्सा महाविद्यालय विरुधुनगर, नमक्कल, नीलगिरी, तिरुपुर, तिरुवल्लूर, नागपट्टिनम, डिंडीगुल, कल्लाकुरिची, अरियालुर, रामनाथपुरम और कृष्णागिरी जिलों में स्थापित किए गए हैं। इन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना देश के सभी हिस्सों में सस्ती चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के प्रधानमंत्री के प्रयास के अनुरूप है। नए चिकित्सा महाविद्यालयों में मेडिकल की 1,450 सीटों के लिए नामांकन होगा।
चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर का उद्घाटन
पीएम मोदी ने कहा कि चेन्नई में केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान के नए परिसर की स्थापना भारतीय विरासत की सुरक्षा और संरक्षण तथा शास्त्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा तमिल भाषा और संस्कृति की समृद्धि से प्रभावित रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल में कुछ शब्द बोलने का अवसर मिलना उनके जीवन के सबसे सुखद क्षणों में से एक था।
केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान का परिसर पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित
नया परिसर पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इसके निर्माण पर 24 करोड़ रुपये की लागत आई है। नये परिसर में एक विशाल पुस्तकालय, एक ई-लाइब्रेरी, सम्मेलन कक्ष और एक मल्टीमीडिया हॉल मौजूद है।
राज्य के लोगों को पोंगल और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार तमिल अध्ययनों को डिजिटल और लोकप्रिय बनाने के लिए सभी प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में तिरुक्कुरल का अनुवाद करने के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में तमिल मंच की स्थापना भी एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को बढ़ाने के केंद्र के प्रयासों में से एक था। उन्होंने चिकित्सा जगत से समावेशी और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्य के विद्यार्थियों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, डॉ. एल. मुरुगन और तमिलनाडु के मंत्रियों ने भी भाग लिया।