कन्याकुमारी : विवेकानंद रॉक मेमोरियल में पीएम मोदी ने शुरू की 45 घंटों की ध्यान साधना
कन्याकुमारी, 30 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार की शाम लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें व अंतिम अंतिम चरण का प्रचार अभियान थमने के बाद तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुंचे, जहां समुद्र तट पर देवी कन्याकुमारी को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक ऐतिहासिक श्री भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की और उसके बाद विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाकर वहां 45 घंटों की अपनी ध्यान साधना शुरू कर दी।
PM Shri @NarendraModi offers prayers at Bhagwati Amman Temple in Kanyakumari, Tamil Nadu. #ModiAgain https://t.co/SEKfp57Uu3
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पीएम मोदी केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलीकॉप्टर से कन्याकुमारी स्थित सरकारी गेस्ट हाउस के अंदर अस्थायी रूप से निर्मित हेलीपैड पर पहुंचे। वहां थोड़ी देर विश्राम करने के बाद समुद्र तट पर देवी कन्याकुमारी को समर्पित 108 शक्तिपीठों में से एक ऐतिहासिक श्री भगवती अम्मन मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। फिर विवेकानंद रॉक मेमोरियल में उनकी ध्यान साधना शुरू हुई।
PM Shri @narendramodi visits Vivekananda Rock Memorial in Kanniyakumari, Tamil Nadu. pic.twitter.com/4vxZ6Ifagu
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पुजारियों ने किया पीएम मोदी का स्वागत
मंदिर के पुजारियों ने प्रधानमंत्री का पूर्ण कुंभ सम्मान के साथ पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। वहां भगवान की विशेष पूजा की गई। पारंपरिक ‘वेष्टि’ (धोती) और अंगवस्त्रम पहने पीएम मोदी ने पीठासीन देवता की पूजा करने के बाद गर्भगृह की परिक्रमा की। मंदिर प्रशासन की ओर से मोदी को देवी भगवती अम्मन का चित्र भेंट किया गया।
पीएम मोदी इसके बाद एक विशेष नाव में सवार होकर विवेकानंद रॉक मेमोरियल पहुंचे, जहां उन्होंने एक जून तक स्मारक के अंदर ध्यान मंडपम में दिन-रात ध्यान साधना शुरू की। उम्मीद की जा रही है कि ध्यान सत्र पूरा करने के बाद पीएम मोदी मेमोरियल के पास तमिल संत तिरुवल्लुवर की प्रसिद्ध प्रतिमा देखने जाएंगे।
Visuals from PM Modi's visit to Vivekananda Rock Memorial in Kanniyakumari, Tamil Nadu. He will meditate for two days at the Dhyan Mandapam, a place where Swami Vivekanand did meditation. pic.twitter.com/OIxd7W1exv
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स्थानीय नेताओं को अनुमति नहीं, सुरक्षा में नौसेना और तटरक्षक जहाज तैनात
इस बीच आध्यात्मिक दौरा होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं को पीएम मोदी की अगवानी करने या उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी गई। प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर कन्याकुमारी में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। वहीं भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक जहाजों को तटरेखा के करीब जल में 24 घंटे गश्त के लिए तैनात किया गया है। पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है। सुरक्षा उपायों के तहत कन्याकुमारी तट पर मछुआरों को तीन दिनों तक मछली पकड़ने की गतिविधियों से रोक दिया गया है।
स्वामी विवेकानंद को इसी चट्टान पर ‘ज्ञान‘ की प्राप्ति हुई थी
ऐसा माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने समुद्र के बीच चट्टान पर तीन दिन और रात ध्यान किया था, जब तक कि उन्हें ‘ज्ञान’ प्राप्त नहीं हो गया था। स्वामी विवेकानंद के सम्मान में 1970 में बनाया गया यह स्मारक हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
ऐसा कहा जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने देशभर में भ्रमण करने के बाद यहां तीन दिनों तक ध्यान किया था और विकसित भारत का स्वप्न देखा था। रॉक मेमोरियल स्मारक का निर्माण स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था।
33 वर्ष पहले की ‘एकता यात्रा‘ की तस्वीरें हुईं वायरल
इस बीच पीएम मोदी की कन्याकुमारी यात्रा से पहले इस प्रतिष्ठित स्थान से जुड़ी उनकी 33 वर्ष पुरानी तस्वीरें गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और चर्चा का विषय बन गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें 11 दिसम्बर, 1991 में आयोजित एकता यात्रा की हैं। यह यात्रा कन्याकुमारी में प्रतिष्ठित विवेकानंद रॉक मेमोरियल से शुरू हुई थी और कश्मीर में समाप्त हुई थी। वायरल तस्वीरों में नरेंद्र मोदी और पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी समेत सभी ‘एकता यात्रियों’ को स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते देखा जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि एकता यात्रा दिसम्बर, 1991 में कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और 26 जनवरी, 1992 को श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के साथ समाप्त हुई थी। एकता यात्रा का नेतृत्व डॉ. जोशी ने किया था। मोदी ने इस यात्रा के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस यात्रा का लक्ष्य दुनिया को यह संदेश देना था कि भारत आतंकवादी ताकतों के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा और एकजुट रहेगा। देश के 14 राज्यों से गुजरी यह यात्रा लोगों के दिलों में गहराई से उतरी और राष्ट्रीय एकता के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया।
पिछले दो चुनावों में भी प्रचार के बाद ध्यान लगा चुके हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद इसी तरह की आध्यात्मिक यात्रा की थी। उस समय वह उत्तराखंड पहुंचे थे और केदारनाथ मंदिर के पास एक गुफा में ध्यान लगाया था। इससे पहले 2014 में चुनाव प्रचार समाप्त करने के बाद वह महाराष्ट्र के सतारा जिले के प्रतापगढ़, दुर्ग गए और भगवान शिव के मंदिर में ध्यान लगाया था।