पीएम मोदी का राज्यसभा में भी कांग्रेस पर हमला – अर्बन नक्सलियों के नियंत्रण में जा चुकी है यह पार्टी
नई दिल्ली, 8 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कांग्रेस पर तीखा हमला किया। संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मंगलवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस अर्बन (शहरी) नक्सलियों के नियंत्रण में आ गई है और लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है।
लोकतंत्र का गला घोटने वाले को लोकतंत्र पर उपदेश देने का अधिकार नहीं
पीएम मोदी ने आपातकाल का भी जिक्र किया और कहा कि देश में आपातकाल थोंपने वालों को और लोकतंत्र का गला घोटने वाले को लोकतंत्र पर उपदेश देने का अधिकार नहीं है। ज्ञातव्य है कि पीएम मोदी ने सोमवार को लोकसभा में भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली थी और यहां तक कह दिया था कि वह अपने कृत्यों से देश में अगले 100 वर्षों तक शासन करने का अधिकार खो चुकी है।
इंदिरा गांधी का पक्ष न लेने पर किशोर कुमार को बैन किया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी और प्रोफेसर धर्मपाल को पंडित जवाहरलाल नेहरू की आलोचना के लिए जेल में डाला गया। किशोर कुमार ने इमरजेंसी में इंदिरा गांधी का पक्ष नहीं लिया और इसलिए रेडियो पर उनके गानों पर बैन लगाया गया।
भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और दुनिया में इसकी चर्चा होती है, लेकिन कांग्रेस की कठिनाई है कि परिवारवाद के आगे उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं…भारत के लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों से है, यह मानना पड़ेगा।
महात्मा गांधी ने देश की आजादी के बाद कांग्रेस को विलुप्त करने की बात कही थी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के बाद कांग्रेस को विलुप्त करने की बात कही थी और ऐसा हो गया होता तो दशकों तक देश को कई समस्याओं से दो-चार ना होना पड़ता। अगर कांग्रेस ना होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता और भारत विदेशी के बजाए स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता।
कांग्रेस ना होती तो आपातकाल का कलंक ना होता
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो आपातकाल का कलंक ना होता…अगर कांग्रेस ना होती तो दशकों तक भ्रष्टाचार को संस्थागत बनाकर नहीं रखा जाता… अगर कांग्रेस ना होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी ना होती।
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ना होती तो सिखों का नरसंहार ना होता… सालों साल पंजाब आतंकवाद की आग में जलता…कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत ना आती… अगर कांग्रेस ना होती तो बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं ना होती… अगर कांग्रेस ना होती देश के सामान्य जन को सड़क, बिजली, पानी और शौचालय की मूलभूत सुविधाओं के लिए इतने सालों तक इंतजार करना पड़ता।
कांग्रेस जब तक सत्ता में रही तो उसने देश का विकास नहीं होने दिया और आज जब विपक्ष में है तो वह देश के विकास में बाधा डाल रही है।
अब तो कांग्रेस को भारत के लिए ‘राष्ट्र’ पर भी आपत्ति है
राहुल गांधी के ‘भारत राष्ट्र नहीं है और यह राज्यों का संघ है’ संबंधी बयान की ओर इंगित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तो कांग्रेस को भारत के लिए ‘राष्ट्र’ पर भी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि यह कल्पना ‘गैर संवैधानिक’ है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि कांग्रेस को राष्ट्र शब्द से इतनी ही आपत्ति है तो उसने अपने दल के नाम में राष्ट्रीय क्यों रखा है।
पीएम मोदी के भाषण के दौरान हंगामे और कांग्रेस के वॉकआउट करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है, सुनना भी लोकतंत्र का हिस्सा होता है। लेकिन सालों तक उपदेश देने की आदत रही है उनकी। इसलिए बातें सुनने में मुश्किल हो रही है उन्हें।’