एससीओ शिखर बैठक : पीएम मोदी की सभी पड़ोसी देशों से सहयोग और समन्वय की अपील
नई दिल्ली, 4 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी पड़ोसी देशों से बेहतर सहयोग और समन्वय की अपील की है। मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक की ऑनलाइन मेजबानी करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हम एससीओ को एक विस्तारित पड़ोस के रूप में नहीं बल्कि एक विस्तारित परिवार के रूप में देखते हैं। सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, और पर्यावरण संरक्षण एससीओ के लिए हमारे दृष्टिकोण के स्तंभ हैं। सुरक्षा, विकास, संप्रभुता का सम्मान हमारी अध्यक्षता की थीम है।’
आतंकवाद और विस्तारवाद पर दो टूक, सुनते रहे शी जिनपिंग और शहबाज शरीफ
पीएम मोदी ने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदगी में आतंकवाद को बढ़ावा देने और पनाह देने समेत विस्तारवाद की खुली आलोचना की और दो टूक कहा कि पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
‘आतंकवाद किसी भी रूप में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई करनी होगी‘
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुछ देश सीमा पार से संचालित आतंकवादी गतिविधियों को अपनी नीतियों के अस्त्र के रूप में इस्तेमाल करते हैं। आतंकवादियों को पनाह देते हैं। SCO को ऐसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए। आतंकवाद क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है। इस चुनौती से निबटने के लिए निर्णायक काररवाई आवश्यक है। आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में हो, किसी भी अभिव्यक्ति में हो, हमें इसके विरुद्ध मिलकर लड़ाई करनी होगी।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें मिलकर यह विचार करना चाहिए कि क्या हम एक संगठन के रूप में हमारे लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ हैं? क्या हम आधुनिक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं? क्या SCO एक ऐसा संगठन बन रहा है, जो भविष्य के लिए पूरी तरह से तैयार हो?’
उन्होंने कहा, “SCO के अध्यक्ष के रूप में भारत ने हमारे बहुआयामी सहयोग को नई उचाईयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। इन सभी प्रयासों को हमने दो सिद्धांतों पर आधारित किया है। पहला – ‘वसुधैव कुटुंबकम’ यानी पूरा विश्व एक परिवार है। ये सिद्धांत प्राचीन समय से हमारे सामाजिक आचरण का अभिन्न अंग रहा है और आधुनिक समय में ये हमारी प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है। दूसरा – सुरक्षा, आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, और पर्यावरण संरक्षण।”
अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने के लिए न की जाए
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। पिछले दो दशकों में हमने अफगानिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योगदान दिया है। 2021 के घटनाक्रम के बाद भी हम मानवीय सहायता भेजते रहे हैं। यह आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि पड़ोसी देशों में अस्थिरता फैलाने या उग्र विचारधाराओं को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग न की जाए।’