
PM Awas: UP में लाखों लोगों को मिलेगा पीएम आवास, ऑनलाइन आवेदन शूरू, जानें क्या है पात्रता और कैसे करें आवेदन
लखनऊ, 23 फरवरी। उत्तर प्रदेश में अपना खुद का आशियाना बनाने का सपना देख रहे लोगों के लिए जरूरी खबर है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं। इच्छुक और पात्र लोग पीएम आवास योजना के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं कौन लोग इस योजना के पात्र होंगे?.
यूपी में पीएम आवास योजना-2
अभी उत्तर प्रदेश में 17.70 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना 1 के तहत लाभ मिला है। अब यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना-2 की शुरुआत हो गई है। उत्तर प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना 2 के लिए बजट जारी कर दिया गया है। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं।
इनको मिलेगा खुद का घर
इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना में 9 लाख रुपये प्रति साल कमाने वाले लोगों को भी शामिल किया जाएगा। इसका मतलब जिनकी आय सालाना 9 लाख रुपये है और उनके पास खुद का आवास नहीं है तो वह पीएम आवास योजना के पात्र हो सकते हैं। इस बार योजना से 15 से 20 लाख लोगों को फायदा होने वाला है। इसमें विकास प्राधिकरणों द्वारा ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी मकान बनवाकर दिए जाएंगे।
अपनी जमीन होने पर मिलेंगे ढाई लाख रुपये
जिनके पास अपनी जमीन है और उन्हें इस योजना के तहत घर बनान है तो सरकार उन्हें ढाई लाख रुपये तक अनुदान देगी। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये का सहायता राशि दी जाएगी. विधवा महिलाओं को 20 हजार रुपये विशेष सहायता राशि के रूप में दी जाएगी। 12 माह में घर बनाने वालों को 10 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे।
लाभ लेने के लिए क्या करें
बता दें कि पीएम आवास योजना की शुरुआत साल 2015 में की गई थी। इस योजना के तहत ऐसे लोगों को जोड़ा जाएगा, जिसके पास आश्रय न हो। साथ ही जो लोग कच्चे और टूटे हुए घरों में रहते हों, या वे लोग जो बेसहारा और घूमंतू जीवन जीते हों।
इन लोगों को नहीं मिलेगा पीएम आवास
- जिसके पास बाइक या ऑटो जैसे वाहन हों
- मशीन से चलने वाले कृषि उपकरण हों
- जिनका किसान क्रेडिट कार्ड पर 50 हजार या उससे अधिक का लोन हो
- ऐसा परिवार जिनका कोई सदस्य सरकार नौकरी करता हो
- जिनके पास सरकार में पंजीकृत बिजनेस हो या इनकम टैक्स देते हों
- जिनके परिवार का कोई सदस्य 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक कमाता हो।
- जिस किसी व्यक्ति के पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो।