पीएम मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति मिर्जियोयेव के बीच फोन पर बातचीत, द्विपक्षीय संबंधों पर जोर
नई दिल्ली, 12 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के बीच मंगलवार की शाम फोन पर बातचीत हुई। इस दौरान राष्ट्रपति मिर्जियोयेव ने भारत के आगामी 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम मोदी और भारत की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
दोनों नेताओं ने व्यापार, संपर्क, स्वास्थ्य, प्रौद्योगिकी और जन-से-जन संबंध जैसे कई अहम क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। इसके अलावा, दोनों नेताओं के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई और भारत मध्य एशिया के प्राचीन संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘राष्ट्रपति मिर्जियोयेव के साथ सार्थक बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय सहयोग के अहम क्षेत्रों में प्रगति की समीक्षा की और भारत–उज्बेकिस्तान रणनीतिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के साझा संकल्प की पुष्टि की।’ बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भविष्य में भी संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई।
Had a fruitful conversation with President of Uzbekistan, Mr. Shavkat Mirziyoyev. We reviewed the progress achieved in key areas of our bilateral cooperation and reaffirmed our shared resolve to further advance the India–Uzbekistan Strategic Partnership.@president_uz
— Narendra Modi (@narendramodi) August 12, 2025
भारत और उज्बेकिस्तान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध काफी गहरे हैं। संस्कृत और पाली साहित्य में ‘काम्बोज’ का उल्लेख मिलता है, जिसमें वर्तमान उज्बेकिस्तान के कुछ हिस्से शामिल माने जाते हैं। महाभारत में शक जाति के कौरवों की ओर से युद्ध में भाग लेने का जिक्र है। प्राचीन व्यापार मार्ग ‘उत्तरपथ’ उज्बेकिस्तान से होकर गुजरता था। इतिहास में फरगाना, समरकंद और बुखारा भारत को यूरोप और चीन से जोड़ने वाले प्रमुख व्यापारिक नगर रहे।
समरकंद और बुखारा में बसे भारतीय व्यापारी स्थानीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा थे। सदियों के आपसी संपर्क ने स्थापत्य, नृत्य, संगीत और भोजन में गहरे सांस्कृतिक रिश्ते बनाए। मिर्ज़ा गालिब और अमीर खुसरो जैसे महान भारतीय कवि-कलाकार भी उज्बेक वंश से थे। भारतीय फिल्में लंबे समय से उज्बेकिस्तान में बेहद लोकप्रिय रही हैं, जो आज भी दोनों देशों की सांस्कृतिक निकटता को दर्शाती हैं।
