रूस-यूक्रेन युद्ध : कच्चे तेल की कीमतों में लगेगी आग, 16 मार्च से पहले 12 रुपये बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
नई दिल्ली, 6 मार्च। रूस-यूक्रेन के बीच पिछले 11 दिनों से जारी युद्ध के बीच कई देशों ने जहां रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं वहीं इसका असर वैश्विक बाजार पर भी दिखने लगा है।
रूसी मुद्रा रबल में जबर्दस्त गिरावट के बीच रूसी शेयर मार्केर जहां पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है वहीं कई देशों में शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसी क्रम में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दाम में आग लगनी शुरू हो गई है और कच्चे तेल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कभी भी बढ़ सकते हैं ईंधन के दाम
कई अर्थशास्त्रियों ने यह चेतावनी दी है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद अब घरेलू बाजार में भी पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि देखने को मिल सकती है। इन चुनावों के कारण ही अब तक भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि नहीं हुई थी। लेकिन अब 7 मार्च को चुनाव का अंतिम चरण है और 10 मार्च को नतीजे आएंगे। ऐसे में कभी भी तेल (ईंधन) के दाम बढ़ सकते हैं और महंगाई में वृद्धि संभव है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले दो महीनों में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण सरकार के स्वामित्व वाली खुदरा तेल कम्पनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
लाभ भी जोड़ लें तो तेल कम्पनियों को 15.1 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने होंगे दाम
निजी बैंक के सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू तेल कम्पनियों को सिर्फ लागत की भरपाई के लिए 16 मार्च, 2022 या उससे पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें 12.10 रुपये प्रति लीटर बढ़ानी होंगी। अगर इसमें लाभ को भी जोड़ लें तो उन्हें 15.1 रुपये प्रति लीटर दाम बढ़ाने होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है, इसलिए घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों से प्रभावित होते हैं। भारत में पिछले वर्ष दिवाली के बाद से अब तक घरेलू बाजार में तेल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, इसकी एक महत्वपूर्ण वजह पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी थी।
घरेलू बाजार में तेल के दाम नहीं बढ़ाए जाने से तीन मार्च, 2022 तक खुदरा तेल कम्पनियों का शुद्ध लाभ शून्य से नीचे 4.29 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। अगर पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए तो मौजूदा वैश्विक मूल्य पर इन कम्पनियों का शुद्ध लाभ 16 मार्च तक शून्य से नीचे 10.1 रुपये और एक अप्रैल, 2022 तक 12.6 रुपये प्रति लीटर पहुंच सकता है।