1. Home
  2. हिन्दी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. पेंटागन ने दी जानकारी : चीन की अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न देने की चेतावनी
पेंटागन ने दी जानकारी : चीन की अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न देने की चेतावनी

पेंटागन ने दी जानकारी : चीन की अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न देने की चेतावनी

0
Social Share

वाशिंगटन, 30 नवम्बर। चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ उसके संबंधों में दखल न दें। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कांग्रेस (संसद) में मंगलवार को पेश एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

चीनी अधिकारियों ने एलएसी पर संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की है

पेंटागन की रिपोर्ट में रेखांकित किया गया है कि मई, 2020 से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कई इलाकों में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच गतिरोध पैदा हुआ है। एलएसी पर भारत के साथ टकराव के बीच चीनी अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कमतर दिखाने की कोशिश की है और इस बात पर जोर दिया है कि चीन की मंशा सीमा पर स्थिरता कायम करना और भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को गतिरोध से होने वाले नुकसान से बचाना है।

अमेरिका को भारत के करीब नहीं आने देना चाहता पीआरसी

चीन की सैन्य निर्माण क्षमता पर कांग्रेस को दी गई अपनी हालिया रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा, ‘चीनी गणराज्य (पीआरसी) तनाव कम करने की कोशिशों में जुटा है, ताकि भारत अमेरिका के और करीब नहीं जाए। पीआरसी के अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप न करें।’

गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति

पेंटागन ने कहा कि वर्ष 2021 के दौरान पीएलए ने भारत-चीन सीमा के एक खंड पर सैन्य बलों की तैनाती बरकरार रखी और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण भी जारी रखा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गतिरोध के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच वार्ता में न्यूनतम प्रगति हुई है, क्योंकि दोनों पक्ष सीमा पर अपने-अपने स्थान से हटने का विरोध करते हैं।

दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य बलों की वापसी की मांग कर रहे

उल्लेखनीय है कि पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य बलों की वापसी की मांग कर रहे हैं और गतिरोध पूर्व की स्थिति में लौटना चाहते हैं, लेकिन न तो चीन और न ही भारत उन शर्तों पर सहमत हैं, जिसके कारण टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है।’

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 की झड़प के बाद से पीएलए ने लगातार सैन्य बलों की उपस्थिति बनाए रखी है और एलएसी के पास बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की गलवान घाटी की घटना पिछले 46 वर्षों में दोनों देशों के बीच संघर्ष की सबसे घातक घटना थी।

भारत और चीन के बीच अब तक हो चुकी हैं 16 दौर की बैठकें

चीन ने इससे पहले भारत के साथ उसके सीमा विवाद पर बयान देने के लिए अमेरिका की आलोचना की थी। भारत लगातार यह कहता रहा है कि एलएसी पर अमन-चैन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सीमा पर गतिरोध को हल करने के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बैठकें की हैं।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code