नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ! ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की नहीं मिली अनुमति
लंदन, 15 दिसम्बर। भारत में धोखाखड़ी और धनशोधन के आरोपों में मुकदमा चलाने के लिए वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी की ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति देने से लंदन स्थित उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है।
गुजरात के 51 वर्षीय नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक में 11,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है। इस मामले के खुलासे से ठीक पहले ही नीरव मोदी 2018 में भारत से भाग गया था।
कोर्ट में तर्क – ‘प्रत्यर्पण की स्थिति में आत्महत्या की नौबत आ सकती है‘
ब्रिटेन नें नीरव मोदी ने कोर्ट में तर्क दिया था कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया जाता है तो हालात ऐसे बन सकते हैं कि वह आत्महत्या कर सकता है। बहरहाल, गुरुवार को नीरव मोदी के अनुरोध के खारिज होने का मतलब है कि अब उसके भारत लाए जाने के दिन और ज्यादा करीब आ गए हैं। नीरव मोदी 2019 में ब्रिटेन में गिरफ्तारी के बाद से ही लंदन की एक जेल में बंद है।
लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि ‘अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है।’
नीरव मोदी के पास अब एक ही रास्ता
जानकारों के अनुसार ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट में अपील पर सुनवाई की याचिका खारिज होने के बाद सैद्धांतिक रूप से मोदी अब इस आधार पर अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए ‘यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमैन राइट्स’ (ईसीएचआर) में आवेदन कर सकता है कि उसके मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई और उसे ऐसी शर्तों के तहत हिरासत में लिया जाएगा, जो मानवाधिकार पर यूरोपीय संधि के अनुच्छेद तीन का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि भारतीय प्राधिकारियों ने ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका पर इसी महीने की शुरुआत में जवाब दे दिया था। नीरव मोदी के वकीलों ने पिछले महीने प्रत्यर्पण के खिलाफ यह अपील दायर की थी, जब वह मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर हाई कोर्ट में शुरुआती अपील हार गया था। ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल, 2021 में एक अदालत के फैसले के आधार पर नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था और इसके बाद से ही यह मामला अपीलों की प्रक्रिया से गुजर रहा है।