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Pakistan: ‘पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा पर शासन करने का अधिकार खोया’, JUIF ने कहा- सशस्त्र समूहों ने किया कब्जा

Pakistan: ‘पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा पर शासन करने का अधिकार खोया’, JUIF ने कहा- सशस्त्र समूहों ने किया कब्जा

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इस्लामाबाद, 1फ़रवरी।  पाकिस्तान के जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया कि खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना अधिकार खो दिया है, क्योंकि सशस्त्र समूहों ने प्रांत पर नियंत्रण कर लिया है।

पहले भी JUIF प्रमुख ने की थी टिप्पणी
शुक्रवार को मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि जिन लोगों ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई पार्टी की सरकार को खैबर पख्तूनख्वा में सत्ता में लाया था, वे अब खुद इसे चला रहे हैं। पहले उन्होंने दावा किया था कि पीटीआई सशस्त्र आतंकवादियों के समर्थन से खैबर पख्तूनख्वा में सत्ता में आई थी, जो अब प्रांत को चला रहे हैं। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह गंभीर हो गई है और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।

शहबाज सरकार को किया ये बड़ा दावा
मौलाना फजलुर रहमान ने कहा, ‘सूर्यास्त के बाद पुलिस सड़कों पर गश्त करने में असमर्थ थी, जिससे प्रांत की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।’ सरकार पर टिप्पणी करते हुए, जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ‘उस दिन खत्म हो जाएगी जिस दिन हम अपना समर्थन वापस ले लेंगे’। उन्होंने सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना की और कहा कि उनके पास एक दिन भी शासन चलाने की ताकत नहीं है।

मौलाना फजलुर रहमान ने सरकार पर पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान विपक्षी दलों को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘चर्चा के दौरान विपक्षी दलों को विश्वास में नहीं लिया गया।’ उन्होंने बातचीत पर अपना रुख स्पष्ट किया: ‘मैं बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने में विश्वास करता हूं। राजनीतिक समाधान केवल बातचीत के जरिए ही हासिल किया जा सकता है।’

इमरान खान की रिहाई पर बोले फजलुर रहमान
इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) पर विवादास्पद चिंताओं को संबोधित करते हुए, मौलाना फजलुर रहमान ने आग्रह किया कि पत्रकारों की सिफारिशों को संशोधनों में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की, ‘पत्रकारों के उचित प्रस्तावों को स्वीकार किया जाना चाहिए और संशोधनों के माध्यम से शामिल किया जाना चाहिए।’

पीटीआई संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कैद पर टिप्पणी करते हुए, मौलाना फजलुर रहमान ने कहा: ‘उच्च शक्ति उन्हें जल्द से जल्द रिहा करे।’ उन्होंने पत्रकारों से कहा कि उनके भविष्य के बारे में सवाल उनसे पूछे जाने चाहिए।

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