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यूपी बजट 2023 पर विपक्ष का हमला – अखिलेश बोले दिशाहीन तो मायावती ने बताया चुनावी बजट

यूपी बजट 2023 पर विपक्ष का हमला – अखिलेश बोले दिशाहीन तो मायावती ने बताया चुनावी बजट

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लखनऊ, 22 फरवरी। यूपी विधानसभा में आज योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट और प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किया, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश का त्वरित सर्वसमावेशी आत्मनिर्भर बजट बताया तो वहीं प्रदेश की विपक्षी पार्टियों ने इसे जनता को धोखा देने वाला बजट बताया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इसे दिशाहीन तो बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे चुनावी बजट बताया है।

सरकार का बजट दिशाहीन है

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बजट को देखने के बाद यह साफ पता चलता है कि यह बजट पूरे तरीके से दिशाहीन बजट है। सरकार ने प्रदेश को MSME सेक्टर को पूरी तरह से बर्बाद कर के रख दिया है।

अखिलेश ने कहा, ‘मैं आप लोगों को बता दूं कि इस सरकार ने जितने भी मेट्रो का एलान किया है, वो सपा सरकार की देन है। सरकार को सिर्फ मेला लगाना आता है। सरकार ने बजट में किसी किसी भी तरह के पॉलिसी का कोई इंतजाम नहीं किया है। वहीं प्रदेश में डीजल-पेट्रोल पर टैक्सों को बढ़ाने के वजह से सब महंगा हो गया है। सरकार बताए कि क्या इस तरह के बजट से किसानों की आय बढ़ेगी?’

मायावती ने बताया चुनावी बजट

योगी सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर BSP सुप्रीमो मायावती ने सिलसिलेवार तरीके से ट्वीट कर निशाना साधा और कहा कि यूपी सरकार द्वारा सदन में आज पेश बजट जनहित व जनकल्याण का कम एवं लोकसभा चुनाव स्वार्थ को लेकर पुनः वादों का पिटारा है। क्या इस अवास्तविक बजट से यहां की जनता का हित व कल्याण तथा भारत का ग्रोथ इंजन बनने का दावा पूरा होगा? कर्ज में डूबी यूपी को भ्रमकारी नहीं रोजगार-युक्त बजट चाहिए।

भाजपा सरकार अपनी बहुप्रचारित घोषणाओं, वादों व दावों को ध्यान में रखकर यहां महंगाई से त्रस्त लगभग 24 करोड़ जनता की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, पिछड़ेपन एवं अराजकता आदि से उत्पन्न बदहाली को दूर करने हेतु अपनी कथनी एवं करनी में अन्तर से जनता के साथ विश्वासघात क्यों?

यूपी सरकार द्वारा लोकसभा आम चुनाव के मद्देनजर नए भ्रमकारी वादे व दावे करने से पहले पिछले बजट का ईमानदार रिपोर्ट कार्ड लोगों के सामने नहीं रखने से स्पष्ट है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार में प्रति व्यक्ति आय व विकास की जमीनी हकीकत मिथ्या प्रचार व जुमलेबाजी।

बजट ऊंट के मुंह में जीरा है। लोगों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रति व्यक्ति आय में अपेक्षित वृद्धि, रोजगार व सरकारी भर्ती आदि तो दूर, उन पर कर्ज का बढ़ता बोझ सरकार की गलत नीतियों व प्राथमिकताओं का प्रमाण। कर्ज के बढ़ते बोझ से स्पष्ट है कि सरकार, दावों एवं प्रचारों के विपरीत, हर मोर्चे पर विफल हो रही है।

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