NEET-UG मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा – सत्यमेव जयते….छात्रों से माफी मांगे विपक्ष
नई दिल्ली, 23 जुलाई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEET-UG 2024 को रद न करने और फिर से परीक्षा नहीं कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए इसे ‘सत्य की जीत’ बताया है।
धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स में विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि विपक्षी दलों और उनके नेताओं को छात्रों से माफी मांगनी चाहिए। प्रधान ने कहा, ‘विपक्ष नीट मुद्दे पर अराजकता, नागरिकों में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है, ये उसकी रणनीति का हिस्सा है।’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई है
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद मैं कहना चाहूंगा – ‘सत्यमेव जयते।’ सत्य की जीत हुई है। NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई है। कल तक लोकसभा के विपक्ष के नेता राहुल गांधी जो रवैया अपना रहे थे और देश की परीक्षा प्रणाली को अमान्य बता रहे थे, इसे ‘बकवास’ कह रहे थे, उससे उनकी मानसिक स्थिति का पता चल गया है।”
सत्यमेव जयते!
Today’s verdict on NEET-UG will put speculations to rest and provide relief to lakhs of hard working and honest students. Grateful to Hon’ble Supreme Court for the landmark verdict that upholds the interest of students.
The judgement will open the eyes of those…
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) July 23, 2024
‘उल्लंघन कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे, परीक्षा की पवित्रता हमारे लिए सर्वोच्च‘
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के अनुसार नीट-यूजी की मेधा सूची में संशोधन किया जाएगा। एनटीए दो दिनों के भीतर नीट-यूजी का संशोधित और अंतिम परिणाम घोषित करेगा। किसी भी तरह के उल्लंघन को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे, परीक्षा की पवित्रता हमारे लिए सर्वोच्च है।’
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए दिन में उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें विवादों से घिरी इस परीक्षा को रद कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम फैसला है, बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा
हालांकि न्यायालय का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो पांच मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़कों से लेकर संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही हैं।
4 दिनों तक दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं।
पीठ फैसला सुरक्षित रखने के बजाय शाम करीब 4.50 बजे फिर बैठी और आदेश सुनाना शुरू किया। पीठ ने कहा, ‘इस तरह के मामले में अदालत के अंतिम निष्कर्ष वर्तमान चरण में दर्ज किए जाने चाहिए क्योंकि इस विवाद को निश्चितता और अंतिम रूप प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है, जो 20 लाख से अधिक छात्रों के करिअर को प्रभावित करता है।”