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शरद पवार के फैसले पर अजित पवार ने कहा – हर किसी को समय के साथ लेना पड़ता है ऐसा फैसला

शरद पवार के फैसले पर अजित पवार ने कहा – हर किसी को समय के साथ लेना पड़ता है ऐसा फैसला

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मुंबई, 2 मई। महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का एलान कर दिया। पवार ने यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण का विमोचन करने के अवसर पर 1999 में स्वयं स्थापित अपनी पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की। लेकिन उनकी इस घोषणा के बाद आयोजन स्थल पही हंगामा शुरू हो गया। पवार के फैसले का विरोध जताते हुए एनसीपी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनसे फैसले को वापस लेने की मांग की।

‘पवार साहब ने निर्णय लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे

हालांकि समारोह में मौजूद एनसीपी नेता और शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा कि हर किसी को समय के अनुसार उचित फैसला लेना होता है। उन्होंने कहा, ‘पवार साहब ने खुद कुछ दिन पहले बदलाव की जरूरत की बात कही थी। हमें उनके फैसले को उनकी उम्र और सेहत को ध्यान में रखते हुए भी देखना चाहिए। हर किसी को समय के अनुसार निर्णय लेना होता है, पवार साहब ने निर्णय लिया है और वह इसे वापस नहीं लेंगे।’

अजित पवार ने कहा, ‘पवार साहब (शरद पवार) हमेशा एनसीपी परिवार के मुखिया रहेंगे। जो भी नया अध्यक्ष होगा, वह पवार साहब के मार्गदर्शन में ही काम करेगा।’ इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने सलाह दी कि सुप्रिया सुले को शरद पवार से उनके फैसले पर बात करना चाहिए। हालांकि, अजित पवार ने सलाह दी कि सुप्रिया सुले को इस मामले पर कोई बात नहीं करनी चाहिए। अजित पवार ने कहा, ‘मैं उनका बड़ा भाई हूं इसलिए मैं उन्हें ऐसी सलाह दे रहा हूं।’

प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर फैसला वापस लेने की गुजारिश की

अजित पवार ने जहां शरद पवार के फैसले का समर्थन किया, वहीं पार्टी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने हाथ जोड़कर पवार से उनका फैसला वापस लेने की विनती की। पटेल ने कहा कि पवार ने अपने इस्तीफे की घोषणा करने से पहले किसी को विश्वास में नहीं लिया।

भावुक शरद पवार बोले – मैं आपके साथ हूं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष के रूप में नहीं

शरद पवार ने उनके इस्तीफे का विरोध कर रहे भावुक कार्यकर्ताओं से कहा, ‘मैं आपके साथ हूं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष के रूप में नहीं।’ पवार ने यह एलान ऐसे समय में किया है, जब उन्हें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विभिन्न विचारधारा वाले विपक्षी दलों को साथ लाने में अहम भूमिका निभाने वाला माना जा रहा है। दूसरी ओर एनसीपी में अंदरूनी खींचतान की भी खबरें आ रही हैं।

नया अध्यक्ष चुनने के लिए एनसीपी नेताओं की एक समिति बनाने की सिफारिश की

पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद खाली होने पर इसके लिए चुनाव का फैसला करने के लिए एनसीपी नेताओं की एक समिति बनाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि समिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होने चाहिए, जिनमें प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, के.के. शर्मा, पी.सी. चाको, अजित पवार, जयंत पाटिल, सुप्रिया सुले, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल, अनिल देशमुख, राजेश टोपे, जितेंद्र अव्हाड, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे और जयदेव गायकवाड़ शामिल हैं।

ज्ञातव्य है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका भी रही है।

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