अब इस मुस्लिम देश में बनेगा मंदिर, पैगंबर विवाद में जताई थी आपत्ति
नई दिल्ली 28 जून। पिछले दिनों भारत में पैगंबर मोहम्मद को लेकर चल रहे विवाद में बहरीन ने भले ही आपत्ति जताई थी लेकिन ऐसा लगता है इस विवाद का असर भारत और बहरीन के संबंधों पर नहीं पड़ा है। क्योंकि बहरीन में प्रस्तावित हिंदू मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है। इसी कड़ी में इस प्रोजेक्ट के प्रतिनिधियों ने मुलाकात करते हुए इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इस मुलाकात में बहरीन में भारतीय राजदूत पीयूष श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
दरअसल, बहरीन के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री प्रिंस सलमान बिन हमद अल खलीफा ने मंगलवार को स्वामी ब्रह्मविहारीदास और BAPS स्वामीनारायण संस्था के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान बहरीन में बनने वाले स्वामीनारायण हिंदू मंदिर के निर्माण को लेकर चर्चा हुई। इसी साल एक फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहरीन यात्रा के दौरान इस मंदिर के निर्माण को लेकर बहरीन ने भूमि को उपहार के रूप में देने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही यूएई के बाद बहरीन मध्यपूर्व का दूसरा देश होगा, जहां भव्य हिंदू मंदिर बनेगा। अबू धाबी स्थित हिंदू मंदिर के प्रमुख पूज्य ब्रह्माविहारी स्वामी और स्वामीनारायण संस्था के प्रतिनिधिमंडल ने मनामा में शाही महल में क्राउन पुलिस से मुलाकात की। बहरीन मध्यपूर्व का दूसरा देश है, जहां बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था पारंपरिक हिंदू मंदिर का निर्माण करेगी। मंदिर निर्माण के लिए बहरीन सरकार ने जमीन दान की है।
क्राउन प्रिंस की ओर से मंदिर निर्माण के लिए जमीन मिलने पर ब्रह्माविहारी स्वामी ने उनका आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक संदेश भी दिया जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक पल का स्वागत किया है। स्वामी ने कहा कि हम जमीन के रूप में यह ऐतिहासिक उपहार मिलने पर बहरीन के क्राउन प्रिंस और भारत के प्रधानमंत्री के शुक्रगुजार हैं। यह दोनों देशों के बीच गर्मजोशी से भरे संबंधों को दर्शाता है।
बैठक के बाद स्वामी ब्रह्मविहारी ने कहा कि बहरीन में बनने वाला यह मंदिर उन सभी धर्मों के लोगों का स्वागत करेगा जो भारतीय परंपराओं को जानना और समझना चाहते हैं और विभिन्न सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए जगह रखते हैं। उन्होंने इस मंदिर के साकार होने को लेकर बहरीन के क्राउन प्रिंस और भारत के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।