1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बीआर गवई की नियुक्ति की अधिसूचना जारी, 14 मई को लेंगे शपथ
भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बीआर गवई की नियुक्ति की अधिसूचना जारी, 14 मई को लेंगे शपथ

भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बीआर गवई की नियुक्ति की अधिसूचना जारी, 14 मई को लेंगे शपथ

0
Social Share

नई दिल्ली, 30 अप्रैल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। न्याय विभाग द्वारा 64 वर्षीय जस्टिस गवई की नियुक्ति की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वह 14 मई को भारत के 52वें प्रधान न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे।

इससे पहले निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार गत 16 अप्रैल को प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने जस्टिस गवई के नाम की अनुशंसा केंद्र सरकार को की थी। मौजूदा सीजेआई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को खत्म हो रहा है।

6 माह का होगा देश के दूसरे दलित सीजेआई का कार्यकाल

गौरतलब है कि जस्टिस गवई जस्टिस केजी बालकृष्णन के बाद अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले दूसरे CJI होंगे। जस्टिस केजी बालकृष्णन 2010 में भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। मौजूदा CJI खन्ना के बाद सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने का होगा और इसी वर्ष 23 नवम्बर को उनका कार्यकाल खत्म हो जाएगा।

अमरावती से ताल्लुक रखते हैं जस्टिस गवई

अमरावती में 24 नवम्बर, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 16 मार्च, 1985 को बार एसोसिएशन में शामिल हुए। उन्होंने 1987 तक पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिवंगत बैरिस्टर श्री राजा एस भोंसले के साथ काम किया। उन्होंने 1987 से 1990 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की। 1990 के बाद उन्होंने मुख्य रूप से बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के समक्ष प्रैक्टिस की।

जस्टिस गवई ने संवैधानिक कानून और प्रशासनिक कानून में प्रैक्टिस की। वह नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए स्थायी वकील थे। वे एसआईसीओएम व डीसीवीएल जैसे विभिन्न स्वायत्त निकायों और निगमों तथा विदर्भ क्षेत्र में विभिन्न नगर परिषदों के लिए नियमित रूप से पेश हुए।

उन्होंने अगस्त, 1992 से जुलाई, 1993 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में काम किया। उन्हें 17 जनवरी, 2000 को नागपुर पीठ के लिए सरकारी वकील और लोक अभियोजक नियुक्त किया गया।

उन्हें 14 नवम्बर, 2003 को बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 12 नवम्बर, 2005 को बॉम्बे हाई कोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने मुंबई में मुख्य जिम्मेदारी निभाने के साथ-साथ नागपुर औरंगाबाद और पणजी में सभी प्रकार के असाइनमेंट वाली बेंचों की अध्यक्षता की। उन्हें 24 मई, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

पिछले छह वर्षों में वह संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, सिविल कानून, आपराधिक कानून, वाणिज्यिक विवाद, मध्यस्थता कानून, बिजली कानून, शिक्षा से जुड़े मामले, पर्यावरण कानून आदि सहित विभिन्न विषयों से संबंधित मामलों के लगभग 700 पीठों का हिस्सा रहे।

जस्टिस गवई ने कानून के शासन को कायम रखने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों, मानवाधिकारों और कानूनी अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर संवैधानिक पीठ के निर्णयों सहित लगभग 300 निर्णय दिए हैं। उन्होंने उलानबटार (मंगोलिया), न्यूयॉर्क (अमेरिका), कार्डिफ (ब्रिटेन) और नैरोबी (केन्या) सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है।

उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों और संगठनों में विभिन्न संवैधानिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर व्याख्यान दिए हैं।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code