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बिहार : नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार आज, कैबिनेट के सातों खाली स्थान भाजपा को दिए जाने पर सहमति

बिहार : नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार आज, कैबिनेट के सातों खाली स्थान भाजपा को दिए जाने पर सहमति

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पटना, 26 फरवरी। नीतीश कुमार की अगुआई वाली बिहार सरकार में आज शाम मंत्रिमंमडल का विस्तार होने जा रहा है और दिलचस्प यह है कि कैबिनेट के सातों खाली स्थान भाजपा कोटे में दिए जाने पर सहमति बन गई है। पहले चर्चा थी कि भाजपा कोटे से तीन और जदयू कोटे से दो नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे हैं। हालांकि, अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने बड़ा दिल दिखाया है और भाजपा को कैबिनेट के सभी सातों खाली पद देने पर सहमति व्यक्त कर दी।

दरअसल, बिहार में यह चुनावी वर्ष है और उससे पहले नीतीश सरकार में कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है। राज्य की एनडीए सरकार में भाजपा, जेडीयू, HAM व LJP (R) शामिल हैं। जदयू प्रमुख नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं। उनके सहयोगी के तौर पर भाजपा कोटे से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं।

अब भाजपा के हो जाएंगे 21 मंत्री

फिलहाल, नीतीश कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 29 है। अभी सात पद खाली हैं। इस समय भाजपा से 14, जेडीयू से 13, HAM से एक और एक निर्दलीय कोर्ट से मंत्री है। अब सात नए चेहरे भाजपा के कोटे से शामिल होने जा रहे हैं। ऐसे में भाजपा कोटे से मंत्रियों की संख्या 21 हो जाएगी जबकि सीएम नीतीश समेत जेडीयू से 13 मंत्री कैबिनेट का हिस्सा बने रहेंगे।

इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भाजपा और जेडीयू हाईकमान के बीच बैठक में चर्चा हुई कि जेडीयू का कोटा ओवर हो गया है और विधायकों के लिहाज से भाजपा के पास मंत्रिमंडल में शामिल होने की गुंजाइश बाकी है। ऐसे में खाली सभी स्थान भाजपा को दिए जाने पर आम सहमति बनाई गई।

भाजपा ने नीतीश को बनाया बड़ा भाई!

इससे पहले वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो एनडीए ने सबसे ज्यादा 125 और महागठबंधन ने 110 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनडीए में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। लेकिन, वादे के मुताबिक, उसने नीतीश को बड़ा भाई बनाया और वो सातवीं बार सीएम बने। फिलहाल 2022 में नीतीश ने भाजपा से नाता तोड़ लिया और लालू प्रसाद यादव के साथ चले गए और महागठबंधन की सरकार में आठवीं बार सीएम बन गए।

9 बार सीएम की शपथ ले चुके नीतीश

हालांकि दो वर्ष बाद 2024 में नीतीश का मन फिर बदला और एनडीए खेमे में आ गए। उन्होंने एक बार फिर भाजपा से हाथ मिला लिया। भाजपा ने फिर नीतीश को बड़ा भाई बनाया और सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद एक बार फिर नीतीश पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना नेता चुना। नीतीश 9वीं बार बिहार के सीएम बने। लोकसभा चुनाव में भाजपा 17 सीटों पर लड़ी और 12 सीटों पर जीती जबकि नीतीश की पार्टी 16 सीटों पर लड़ी और 12 सीटें जीती।

नीतीश के नेतृत्व में लड़ा जाएगा अगला चुनाव

अब विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले कैबिनेट विस्तार की बारी आई तो नीतीश ने बड़ा दिल दिखाया और भाजपा को खाली सातों सीटों पर मंत्री बनाने पर सहमति जता दी है। 2025 के चुनाव में एनडीए नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहा है।

बिहार विधानसभा की ये है तस्वीर

बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं और बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा होना जरूरी है। इस समय भाजपा के 80 और जेडीयू के 44 विधायक हैं। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM (S) के चार विधायक हैं। नीतीश कैबिनेट में अब तक कुल छह स्थान खाली थे। बुधवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद खाली सीटों की संख्या सात हो गई है।

भाजपा कोटे से ये नेता लेंगे मंत्री पद की शपथ

भाजपा कोटे से जो नए मंत्री आज शपथ लेने वाले हैं, उनमें दरभंगा से संजय सरावगी, बिहार शरीफ से सुनील कुमार, जाले से जीवेश मिश्रा, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, सिकटी से विजय कुमार मंडल और अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू के नाम शामिल हैं।

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