नई दिल्ली, 17 दिसम्बर। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 2024 के अंत से पहले सड़क का बुनियादी ढांचा अमेरिका के मानक के बराबर होगा। गडकरी ने फिक्की के 95वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम देश में विश्व मानक सड़क बुनियादी ढांचा बना रहे हैं और आपसे वादा करते हैं कि 24 के अंत से पहले हमारी सड़क संरचना अमेरिकी मानकों के बराबर होगी।’
रसद लागत को भी 2024 तक 9 प्रतिशत पर लाने का भरोसा
नितिन गडकरी ने रसद लागत के मुद्दे को संबोधित करते हुए कहा कि यह 2024 के अंत तक नौ प्रतिशत तक ले जाने का प्रयास है। उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारी रसद लागत एक बड़ी समस्या है। अभी यह 16 प्रतिशत है, लेकिन मैं आपसे वादा करता हूं कि 24 के अंत तक हम इसे इकाई तक ले जाएंगे, नौ प्रतिशत तक।’
निर्माण उद्योग में स्टील का उपयोग कम करने का विकल्प अपनाया जा रहा
वैश्विक संसाधनों का 40 प्रतिशत उपभोग करने वाले निर्माण उद्योग के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हम विकल्प अपनाकर निर्माण कार्य में स्टील का उपयोग कम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि निर्माण उद्योग न केवल पर्यावरण प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है बल्कि वैश्विक सामग्रियों और संसाधनों के 40 प्रतिशत का संरक्षण भी करता है।’
गडकरी ने कहा, ‘हम संसाधनों की लागत को कम करने और निर्माण की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि सीमेंट और स्टील निर्माण के प्रमुख घटक हैं, इसलिए हम विकल्प अपनाने की कोशिश करके निर्माण कार्य में स्टील के उपयोग को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।’
निकट भविष्य में हरित हाइड्रोजन ऊर्जा का एक स्रोत होगा
इस तथ्य पर जोर देते हुए कि भारत एक ऊर्जा निर्यातक के रूप में खुद को आकार देने के लिए एक उत्कृष्ट स्थिति में है, नितिन गडकरी ने कहा कि निकट भविष्य में हरित हाइड्रोजन ऊर्जा का एक स्रोत होगा। उन्होंने कहा, ‘ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। भारत खुद को एक ऊर्जा निर्यातक के रूप में आकार देने के लिए एक उत्कृष्ट स्थिति में है और यह केवल भारत में हरित हाइड्रोजन की क्षमता के कारण ही संभव हो सकता है। निकट भविष्य में हरित हाइड्रोजन विमानन, रेलवे, सड़क परिवहन, रसायन और उर्वरक उद्योगों में ऊर्जा का एक स्रोत होगा। निकट भविष्य में वैश्विक विनिर्माण केंद्र और हरित हाइड्रोजन का निर्यातक बनने की भारत की क्षमता। स्थिरता भी तेजी से निर्माण उद्योग के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में पहचानी जाने लगी है।’
नितिन गडकरी ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते देशों में से एक होने के नाते, भारत सतत विकास लक्ष्यों के एजेंडे 2030 को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, हम सभी सतत विकास के लिए एक मंच तैयार करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में भारत को अग्रणी होना चाहिए
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के संदर्भ में गडकरी ने कहा, ‘भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी होना चाहिए और हमारा ध्यान वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले इन ऑटोमोबाइल को बचाने पर है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी 2030 तक सबसे प्रभावी परिवहन प्रणाली होगी। कुछ दिनों पहले कनाडा की एक कम्पनी मेरे पास यह दिखाने के लिए आई थी कि हम समुद्र के पानी में माइनिंग से कोबाल्ट और मैंगनीज कैसे प्राप्त कर सकते हैं।’
गडकरी ने यह भी कहा, ‘उन्होंने मुझे वही खनन सामग्री दिखाई और उन्होंने दावा किया कि अगर हम इसे कोबाल्ट के स्रोत के रूप में उपयोग कर सकते हैं तो इससे बैटरी की लागत कम हो जाएगी। बैटरी के संबंध में विश्व स्तर पर बहुत सारे शोध हो रहे हैं। हमें इस क्षेत्र में अग्रणी होना चाहिए। आज हमारी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री 7.5 लाख करोड़ रुपये की है और हम इसे 15 लाख करोड़ रुपये तक ले जाना चाहते हैं। इससे बहुत सी नई नौकरियां पैदा होंगी और भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माताओं में से एक बन जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमारा फोकस वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले इन वाहनों को बचाने पर है। हाल ही में फ्लेक्स-फ्यूल वाली कार लॉन्च की है, जो 100 फीसदी बायोएथेनॉल और 40 फीसदी बिजली से चल सकती है। ये वैकल्पिक ईंधन समाधान हमारे देश के लिए व्यावसायिक अवसर पैदा करेंगे।’