नई दिल्ली, 9 जनवरी। केंद्र सरकार सड़क हादसे के पीड़ितों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि सरकार दुर्घटना के पीड़ितों के इलाज के लिए कैशलेस योजना लाने वाली है। इसके तहत एक लाख रुपये से ज्यादा का इलाज मिल सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि मार्च तक एक संशोधित योजना लाए जाने की तैयारी है।
मार्च तक एक संशोधित योजना लाए जाने की तैयारी
नितिन गडकरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहनों के कारण होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू होगी। उन्होंने कहा, “पायलट कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा के अनुसार पीड़ित दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक ‘कैशलेस’ उपचार के हकदार हैं।”
प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक ‘कैशलेस’ उपचार का हकदार
उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च, 2024 को सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘कैशलेस’ उपचार प्रदान करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया था। चंडीगढ़ में शुरू किए गए पायलट कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए एक परिवेश तैयार करना था। पायलट परियोजना को बाद में छह राज्यों तक बढ़ाया गया।
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— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 7, 2025
कैसे और कितने का मिलेगा इलाज
केंद्र सरकार ने अगस्त, 2024 में जानकारी दी थी कि योजना के अंतर्गत आने वाले पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में दुर्घटना की तिथि से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल से संबंधित अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं।
मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एनएचए, स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के साथ समन्वय कर कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
हादसे की सूचना 24 घंटे में पुलिस को दी तो इलाज का खर्च सरकार उठाएगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गडकरी ने कहा है कि यदि पुलिस को हादसे के 24 घंटे के अंदर सूचित कर दिया जाता है तो सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। सड़क सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि 2024 में करीब 1.80 लाख लोगों ने सड़क हादसे में जान गंवा दी। इनमें से 30 हजार मौतें हेलमेट नहीं पहनने से हुई हैं।
हिट एंड रन केस में पीड़ित के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा
यदि हिट एंड रन की स्थिति में मौत हो जाती है, तो पीड़ित के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। कार्यक्रम को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (eDAR) एप्लिकेशन और एनएचए की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली की कार्यक्षमता को मिलाकर एक आईटी मंच के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।