अगले तीन वर्षों में जर्मनी व जापान से भी आगे निकल जाएगी ‘भारतीय अर्थव्यवस्था’ : बीवीआर सुब्रह्मण्यम
नई दिल्ली, 18 अप्रैल। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ‘भारत’ आने वाले तीन वर्षों में जापान और जर्मनी से आगे निकलकर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। ‘विकसित भारत’ का सपना पूरा होने के साथ ही देश 2047 में 30 ट्रिलियन डॉलर की विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाना जाएगा।
भारत दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है
सुब्रह्मण्यम ने राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा का केंद्र बन सकता है, क्योंकि देश का लोकतांत्रिक होना इसे दूसरे देशों से कई मायनों में अलग बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत अगले वर्ष के अंत तक पांचवीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और इसके बाद देश अपने विकास की गति को तेज करते हुए तीसरा और दूसरा स्थान भी पा लेगा।
भारतीय कम्पनियों से दुनिया का नेतृत्व करने की आकांक्षा जगाने का आग्रह
आईएमएफ के ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की रियल जीडीपी 4.3 ट्रिलियन डॉलर की है, जो जापान के 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी के 4.9 ट्रिलियन डॉलर से मामूली अंतर को दर्शाती है। सुब्रह्मण्यम ने लॉ और अकाउंटिंग फर्म सहित सभी भारतीय कम्पनियों से दुनिया का नेतृत्व करने की आकांक्षा को जगाने का आग्रह किया।
दुनिया में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों का एक स्थिर सप्लायर होगा भारत
उन्होंने मध्य-आय वाले देशों द्वारा झेली जाने वाली परेशानियों को कम-आय वाले देशों द्वारा झेली जाने वाली परेशानियों से अलग बताया। उन्होंने कहा, ‘यह गरीब को खाना खिलाने और निर्वस्त्र को कपड़े पहनाने से जुड़ा नहीं है, यह इस बारे में है कि आप किस तरह एक नॉलेज इकोनॉमी बनते हैं।’
सुब्रह्मण्यम ने बताया कि जापान 15,000 भारतीय नर्सों और जर्मनी 20,000 स्वास्थ्य कर्मियों को ले रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि इन दोनों ही देशों के पास लोगों की कमी है और वहां पारिवारिक व्यवस्थाएं टूट गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में कामकाजी आयु वर्ग के लोगों का एक स्थिर सप्लायर होगा, जो कि हमारी सबसे बड़ी ताकत होगी।
