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पेरिस पैरालम्पिक : निषाद ने ऊंची कूद में दिलाया रजत, प्रीति पाल के नाम दूसरा कांस्य, शटलर सुहास व नितेश स्वर्ण के लिए लगाएंगे जोर

पेरिस पैरालम्पिक : निषाद ने ऊंची कूद में दिलाया रजत, प्रीति पाल के नाम दूसरा कांस्य, शटलर सुहास व नितेश स्वर्ण के लिए लगाएंगे जोर

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पेरिस, 1 सितम्बर। भारत के पैरा एथलीट निषाद कुमार ने यहां पेरिस पैरालम्पिक खेलों के ट्रैक एंड फील्ड मुकाबलों में रविवार को पुरुषों की ऊंची कूद के रजत पदक जीता तो प्रीति पाल ने 100 मीटर के बाद 200 मीटर दौड़ में भी कांस्य पदक हासिल कर लिया जबकि शटलरद्वय सुहास यथिराज व नितेश कुमार पुरुष एकल के अपने वर्ग में फाइनल में प्रवेश के साथ अब स्वर्ण पदक के जोर लगाएंगे।

निषाद ने लगातार दूसरे पैरालम्पिक में जीता रजत पदक

टी47 श्रेणी के हाई जम्पर निषाद कुमार ने 2.04 मीटर के सीजन के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ अपना दूसरा लगातार रजत पदक जीता। उन्होंने तीन वर्ष पहले टोक्यो पैरालम्पिक में भी 2.06 मीटर की छलांग के साथ रजत पदक जीता था। दरअसल, टी47 उन प्रतियोगियों के लिए है, जिनकी कोहनी या कलाई के नीचे का अंग कट गया हो या फिर कोई चोट लगी हो।

प्रीति ने 100 मी. के बाद 200 मी. दौड़ में भी दिलाया पदक

इसके पूर्व प्रीति पाल ने 30.01 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ महिलाओं की 200 मीटर टी35 श्रेणी में भी कांस्य पदक जीता, जो भारत का दूसरा पैरा एथलेटिक्स पदक भी है। उन्होंने बीते शुक्रवार को टी35 100 मीटर प्रतियोगिता में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ कांस्य पदक जीता था। टी35 में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनमें हाइपरटोनिया, अटैक्सिया और एथेटोसिस जैसी समन्वय संबंधी विकार होते हैं।

भारत ने अब तक एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते

भारतीय दल ने चार दिनों की स्पर्धाओं के बाद अब तक एक स्वर्ण, दो रजत व चार कांस्य सहित सात पदक जीते हैं। इनमें एक स्वर्ण, एक रजत व दो कांस्य सहित चार पदक निशानेबाजी और एक रजत व दो कांस्य सहित तीन पदक एथलेटिक्स में मिले हैं।

प्रीति के कांस्य को छोड़कर ट्रैक और फील्ड में संघर्ष

हालांकि आज निषाद व प्रीति को छोड़ अन्य भारतीय एथलीटों को संघर्ष ही करना पड़ा। इस क्रम में रवि रोंगाली पुरुषों की एफ40 गोला फेंक फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे जबकि रक्षिता राजू महिलाओं की 1500 मीटर टी11 दौड़ के शुरुआती दौर में ही बाहर हो गईं।

एशियाई पैर खेलों के चैम्पियन रवि गोला फेंक में पांचवां स्थान पा सके

पिछले वर्ष चीन में एशियाई पैरा खेलों में रजत पदक जीतने वाले रवि ने 10.63 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनका यह प्रदर्शन हालांकि उन्हें पांचवां स्थान ही दिला पाया। विश्व रिकॉर्ड धारक पुर्तगाल के मिगुएल मोंटेरो ने 11.21 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि मंगोलिया के बटुल्गा त्सेगमिड (11.09 मीटर) ने रजत पदक जीता।

मौजूदा एशियाई पैरा खेलों के चैंपियन इराक के गर्राह तनैयाश ने 11.03 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता जबकि टोक्यो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियन रूसी डेनिस गनेजडिलोव 10.80 मीटर के साथ चौथे स्थान पर रहे। वह पेरिस खेलों में तटस्थ एथलीट के रूप में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। एफ40 वर्ग छोटे कद वाले खिलाड़ियों के लिए है।

रक्षिता राजू 1500 मी. की हीट में आखिरी स्थान पर रहीं

इससे पहले 23 वर्षीया रक्षिता हीट तीन में पांच मिनट 29.92 सेकेंड के समय के साथ चार धावकों में आखिरी स्थान पर रही। तीनों हीट से प्रत्येक में शीर्ष दो स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों ने फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। चीन की शानशान हे चार मिनट 44.66 सेकेंड के समय के साथ रक्षिता की हीट में शीर्ष स्थान पर रही, जबकि दक्षिण अफ्रीका की लौजेन कोएट्जी ने सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास चार मिनट 45.25 सेकेंड के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। टी11 श्रेणी दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। इसमें एथलीट गाइड की मदद से प्रतिस्पर्धा करते हैं।

सुहास लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनेंगे

टोक्यो चरण के रजत पदक विजेता सुहास हमवतन सुकांत कदम को सीधे गेमों में 21-17, 21-12 से हराकर पुरुष एकल बैडमिंटन एसएल4 फाइनल में पहुंचे। 2007 बैच के आईएएस अधिकारी 41 वर्षीय सुहास पैरालम्पिक में लगातार दो पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बनने के लिए तैयार हैं।

वहीं शीर्ष वरीयता प्राप्त नितेश ने सेमीफाइनल में जापान के डाइसुके फुजिहारा पर सीधे गेमों में शानदार जीत से पुरुष एकल एसएल3 वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर पदक सुनिश्चित कर दिया। 29 वर्षीय नितेश ने 48 मिनट तक चले सेमीफाइनल में फुजिहारा पर 21-16 21-12 से जीत के साथ अपना दबदबा दिखाया। 2009 में हुई एक दुर्घटना में उनका पैर स्थायी रूप से विकलांग हो गया था।

नौकाचालकों का संघर्ष जारी रहा

उधर एशियाई पैरा खेलों की रजत पदक विजेता नारायण कोंगनापल्ले और अनीता की जोड़ी पीआर3 मिश्रित युगल स्कल्स नौकायन में आठवें स्थान पर रही। पैरालम्पिक में पदार्पण कर रही यह भारतीय जोड़ी अपने रेपेचेज स्पर्धा के फाइनल बी में आठ मिनट 16.96 सेकेंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रही। फाइनल बी स्पर्धा का आयोजन स्थान निर्धारित करने के लिए था जिसमें सातवें से 12वें पायदान के लिए मुकाबला था।

तीरंदाजी में राकेश कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेंगे

तीरंदाज राकेश कुमार कंपाउंड पुरुष ओपन सेमीफाइनल में चीन के प्रतिद्वंद्वी एन शिनलियांग के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ खेल दिखाने में विफल रहे और दो अंक से हार गए। दुनिया के नंबर एक तीरंदाज राकेश अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे। शिनलियांग ने सेमीफाइनल में राकेश को 145-143 से शिकस्त दी। यह चीनी खिलाड़ी की भारतीय तीरंदाज पर लगातार तीसरी जीत है। राकेश का अभियान टोक्यो पैरालम्पिक में शिनलियांग के हाथों क्वार्टर फाइनल में इसी स्कोर से हार के बाद समाप्त हुआ था।

इससे पहले 39 वर्षीय अनुभवी धनुर्धर राकेश ने अपनी विश्व नंबर एक रैंकिंग को सही साबित करते हुए लगातार शूट-ऑफ जीतते हुए पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने पहले इंडोनेशिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी केन स्वगुमिलांग को 144-144 (10-8) से हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे। खेल मनोवैज्ञानिक और आहार विशेषज्ञ राकेश ने असाधारण संयम का परिचय देते हुए दो घंटे के भीतर क्वार्टरफाइनल में एक और रोमांचक शूट-ऑफ में कनाडा के काइल ट्रेम्बले को एकदम सटीक निशाना लगाकर 144-144 (10*-10) से हराया।

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