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विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में, शरद पवार बोले – ‘एकजुटता देख बेचैन हो गए हैं पीएम मोदी’

विपक्षी दलों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में, शरद पवार बोले – ‘एकजुटता देख बेचैन हो गए हैं पीएम मोदी’

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मुंबई, 29 जून। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि विपक्ष की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। पवार ने इसके साथ यह भी कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेचैन हो गए हैं।

भोपाल में दो दिन पूर्व आयोजित एक कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रधानमंत्री मोदी के तीखे हमले के बीच पवार का यह बयान सामने आया। उन्होंने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें अनुचित टिप्पणियां करने की बजाय महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेजबानी में पटना में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में एक दर्जन से अधिक दलों के 32 से अधिक नेताओं ने भाग लिया और 2024 के लोकसभा चुनाव में मिलकर भाजपा का मुकाबला करने का संकल्प लिया था। बैठक वाले दिन ही घोषणा की गई थी कि विपक्ष की अगली बैठक शिमला में 12-14 अप्रैल को होगी। फिलहाल अब पवार ने बेंगलुरु में बैठक होने की जानकारी दी है।

पीएम विचार करें कि क्या मौजूदा व पूर्व सीएम के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां उचित हैं

शरद पवार से पूछा गया कि इस तरह की आलोचनात्मक टिप्पणियां की जा रही हैं कि बैठक में ‘प्रधानमंत्री पद के 19 दावेदार’ साथ में बैठे थे, तो राकांपा नेता ने इसे ‘बचकाना बयान’ कहकर खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विचार करना चाहिए कि क्या मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ इस तरह से बोलना उचित है।

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने दिन की शुरुआत में भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने की मंशा से पटना में आयोजित बैठक में भाग लेने वाली विपक्षी पार्टियों की सरकारों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को गिनाया था। पवार ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने देश के समक्ष एक नया उदाहरण पेश किया है कि लोगों के बारे में बात कैसे करते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘विपक्ष की बैठक में शामिल लोगों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री समेत कई पूर्व मुख्यमंत्री शामिल थे, जिनके पास अपने-अपने राज्यों पर शासन करने की जिम्मेदारी थी और जिन्हें लोगों का समर्थन प्राप्त है। (अपने) सहकर्मियों के बारे में ऐसे बयान देना कितना उचित है? प्रधानमंत्री को इस बारे में सोचना चाहिए।’

राकांपा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बात करते हुए मोदी द्वारा कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले का उल्लेख किये जाने पर पवार ने कहा कि वह कभी भी इस बैंक के सदस्य नहीं थे।

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