लोकसभा सचिवालय का नया फरमान – संसद कक्ष व लॉबी समेत इन जगहों पर नहीं जा सकेंगे निलंबित सांसद
नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। लोकसभा सचिवालय ने शीतकालीन सत्र के दौरान निलंबित सांसदों को नोटिस जारी की है। इसके तहत उन सभी सांसदों को परिपत्र जारी कर लॉबी, गैलरी और संसद कक्ष में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में विपक्षी सांसदों का हंगामे और सदन में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग के क्रम में 141 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया गया है, जिनमें लोकसभा से 95 और राज्यसभा से 46 सांसद शामिल हैं।
लोकसभा सचिवालय के सर्कुलर में कहा गया है कि निलंबित सांसदों को निलंबन अवधि के दौरान कई परिणाम भुगतने होंगे। सर्कुलर में लिखा गया है :-
- निलंबित सांसदों को संसद कक्ष, लॉबी और दीर्घाओं में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है।
- वे व्यवसाय सूची में अपने नाम से कोई भी वस्तु नहीं डाल सकते।
- उन्हें किसी भी संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं है जिसके वे सदस्य हैं।
- निलंबन अवधि के दौरान वे कोई नोटिस नहीं दे सकते।
- वे अपने निलंबन अवधि के दौरान होने वाले समितियों के किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकते।
- अगर उन्हें शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक वेतन का भत्ते के हकदार नहीं हैं क्योंकि ड्यूटी के स्थान पर उनका रहना धारा 2 (डी) के तहत ड्यूटी पर निवास के रूप में नहीं माना जा सकता है।
सर्कुलर में आगे कहा गया, ”समय-समय पर संशोधित संसद सदस्यों के भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954।”
सम्पूर्ण विपक्ष का 22 दिसम्बर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का फैसला
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान की विपक्ष की मांग पर हंगामे के बाद 141 सांसदों के निलंबन के खिलाफ 22 दिसम्बर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। खड़गे ने कहा, ‘हम इसके खिलाफ लड़ेंगे, यह गलत है…हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसम्बर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी चौथी बैठक में 28 दलों ने हिस्सा लिया और गठबंधन की समिति के सामने अपने विचार रखे। प्रस्ताव पारित किया कि निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को संघर्ष करना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं। हमने सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा संसद में उठाया। हम लंबे समय से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा उल्लंघन के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं।’