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नीरज की मां ने कहा – ‘बेटे के लिए खुश हूं, नदीम के लिए भी उतनी ही खुशी, वह भी हमारा ही बच्चा है’

नीरज की मां ने कहा – ‘बेटे के लिए खुश हूं, नदीम के लिए भी उतनी ही खुशी, वह भी हमारा ही बच्चा है’

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नई दिल्ली, 9 अगस्त। पेरिस ओलम्पिक खेलों में अपने बेटे को मिले रजत पदक से खुश नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने पेरिस में गत चैंपियन भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी को हराकर ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़ने वाले पाकिस्तान के अरशद नदीम के लिए भी खुशी व्यक्त की और कहा कि वह भी उनके ‘बच्चा’ जैसा है।

नदीम ने गुरुवार की रात 92.97 मीटर के रिकॉर्ड ओलम्पिक प्रयास से स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि नीरज ने सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर के साथ रजत पदक जीता। नीरज लगातार दो ओलम्पिक व्यक्तिगत स्पर्धा का पदक जीतने वाले तीसरे और ट्रैक एवं फील्ड के पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए ।

सरोज ने पानीपत के खंडरा गांव में एक इंटरव्यू में कहा, ‘‘हम रजत पदक से बहुत खुश हैं, जिसने स्वर्ण पदक जीता वह भी हमारा बच्चा है और जिसने रजत पदक प्राप्त किया, वह भी हमारा बच्चा है… सभी एथलीट हैं, सभी कड़ी मेहनत करते हैं। नदीम भी अच्छा है, वह अच्छा खेलता है, नीरज और नदीम में कोई अंतर नहीं है। हमें स्वर्ण और रजत पदक मिला, हमारे लिए कोई अंतर नहीं है।’’

उल्लेखनीय है कि नीरज और नदीम दोनों प्रतिद्वंद्वी होने के बावजूद मैदान के बाहर अच्छे दोस्त हैं। नीरज का ‘देशी खाने’ के प्रति लगाव जगजाहिर है और उनका परिवार दो बार के ओलंपिक पदक विजेता का उनके पसंदीदा व्यंजन ‘चूरमा’ के साथ स्वागत करने की योजना बना रहा है।

सरोज ने कहा, ‘उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। हम उसका स्वागत ‘चूरमा’ से करेंगे, जो उसका पसंदीदा है। मुझे खुशी है, लोग पटाखे जला रहे हैं, हम लड्डू बना रहे हैं।’’ नीरज का यह प्रदर्शन काफी सराहनीय है क्योंकि सात खिलाड़ियों ने 86 मीटर से अधिक दूरी हासिल की थी।

वहीं नीरज की चाची कमलेश ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं। उसने इस सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सभी 88-89 मीटर के करीब थे, इसलिए प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन थी। यह स्वर्ण या रजत जीतने के बारे में नहीं है, बल्कि पदक जीतने के बारे में है और उसने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।’’

नीरज भारत के सबसे प्रतिष्ठित एथलीटों में से एक हैं, जिन्होंने ओलम्पिक, विश्व चैम्पियनशिप, डायमंड लीग, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों सहित हर टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता है। कमलेश ने कहा, ‘टोक्यो के बाद रजत के अलावा कोई पदक नहीं बचा था, उसकी भी जरूरत थी, इसलिए उसे मिल गया।’’

उन्होंने कहा कि नदीम के बड़े प्रयास (92.97 मीटर) के बाद परिवार को अंदाजा था कि नीरज के स्वर्ण जीतने की संभावना कम हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘नदीम के थ्रो के बाद हमें लग रहा था (कि वह स्वर्ण जीतेगा) लेकिन वह भी हमारा बेटा है, हम उसके लिए खुश हैं। वह एशिया का बेटा है। हम नदीम और नीरज के बीच अंतर नहीं करते। दोनों ने स्वर्ण और रजत हासिल किया है और हम बहुत खुश हैं।’’

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