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पेरिस पैरालम्पिक : नवदीप ने भाला फेंक में नए रिकॉर्ड के साथ जीता स्वर्ण, 200 मी. दौड़ में सिमरन को कांस्य

पेरिस पैरालम्पिक : नवदीप ने भाला फेंक में नए रिकॉर्ड के साथ जीता स्वर्ण, 200 मी. दौड़ में सिमरन को कांस्य

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पेरिस, 7 सितम्बर। पेरिस पैरालम्पिक खेलों में पदक स्पर्धाओं के 10वें दिन भी भारतीय दल के नाम एक ऐतिहासिक प्रदर्शन दर्ज हो गया, जब भाला प्रक्षेपक नवदीप सिंह ने F41 श्रेणी में 47.32 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के बीच नया पैरालम्पिक रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण के रूप में इस श्रेणी का देश को पहला पदक दिलाया। वहीं सिमरन शर्मा ने महिलाओं की 200 मीटर T12 स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।

भारत ने अब तक जीते 7 स्वर्ण सहित 29 पदक

इस प्रकार देखें तो पैरालम्पिक खेलों के इतिहास में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय दल ने शनिवार की स्पर्धाओं की समाप्ति पर कुल 29 पदक जीते हैं, जिनमें सात स्वर्ण, नौ रजत व 13 कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रदर्शन के साथ पदक तालिका में भारत 16वें स्थान पर है।

अब अंतिम दिन यानी रविवार को खेलों के समापन समारोह से पहले भारत की सिर्फ एक स्पर्धा में भागीदारी दिखेगी, जब महिलाओं की कयाक सिंगल 200 मीटर KL1 स्पर्धा में पूजा ओझा उतरेंगी।

नवदीप से भी बड़ा थ्रो करने वाले ईरानी सादेग बेत सयाग अयोग्य घोषित

स्टेड डी फ्रांस में हरियाणा के 23 वर्षीय पैरा एथलीट नवदीप ने अपने स्वर्ण पदक विजेता थ्रो ने टोक्यो 2020 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सन पेंगजियांग द्वारा स्थापित 47.13 मीटर का पैरालम्पिक रिकॉर्ड पीछे छोड़ा। हालांकि, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के सादेग बेत सयाह ने स्वर्ण और खेलों के रिकॉर्ड को अपने नाम करने के अपने पांचवें प्रयास में 47.64 मीटर के थ्रो के साथ भारतीय एथलीट को पछाड़ दिया, लेकिन बाद में वह अयोग्य घोषित करार दिए गए।

पिछले चैम्पियन सन पेंगजियांग ने 44.72 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता। वह इस वर्ष की शुरुआत में विश्व पैरा एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक विजेता भी थे। इराक के नुखाइलावी विल्डान (40.46 मीटर) को कांस्य पदक मिला।

नवदीप ने सादेग बेत सयाह के प्रयासों को चुनौती देने का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे लगा कि मैं बेहतर कर सकता हूं और मैंने कोशिश की। मेरे छह में से तीन थ्रो 45 मीटर से आगे गए, लेकिन मुझे अगली बार बेहतर करने की उम्मीद थी।’ नवदीप के पास शीर्ष स्थान पर फिर से कब्जा करने के दो और अवसर थे, लेकिन वे इतनी दूरी तय नहीं कर पाएं।

स्वर्ण पदक जीतने के बारे में नवदीप ने कहा, ‘मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। मेरा लक्ष्य थोड़ा कम था, लेकिन मुझे उम्मीद थी। इसलिए यह अच्छा रहा। मैंने अपने पहले थ्रो में फाउल किया, लेकिन मेरे कोच ने कहा कि यह एक अच्छा प्रयास था। इसलिए मैंने अगले प्रयास में बेहतर प्रदर्शन किया।’

टोक्यो 2020 व हांगझू 2023 में चौथे स्थान पर रहे थे नवदीप

गौरतलब है कि छोटे कद वाले एथलीट F41 खेल वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं। नवदीप टोक्यो 2020 पैरालम्पिक में चौथे स्थान पर रहे थे और पोडियम से चूक गए। पिछले वर्ष हांगझू पैरा एशियाई खेलों में भी वह चौथे स्थान पर रहे थे।

नवदीप ने कहा, ‘मेरे लिए पदक बहुत खास है, खासकर टोक्यो और एशियाई खेलों में चौथे स्थान पर रहने के बाद। एक कहावत है, ‘एक एथलीट या तो जीतता है या वह सीखता है,’ इसलिए मैंने उन चौथे स्थान के बाद सुधार करने और अंतराल को भरने के लिए कड़ी मेहनत की। मैंने खुद को मानसिक रूप से विशेष रूप से शांत किया। मेरे दिमाग में एक तूफान हुआ करता था।’ हालांकि, 23 वर्षीय नवदीप ने 2024 में विश्व पैरा एथलेटिक्स में कांस्य पदक जीतकर चीजों को बदल दिया और अब वह पैरालम्पिक खेलों के चैम्पियन बनकर उभरे।

मौजूदा संस्करण के ट्रैक-फील्ड मुकाबलों में भारत ने जीता 17वां पदक

यह मौजूदा पैरालम्पिक में भारत का 29वां और ट्रैक एंड फील्ड में 17वां पदक है। इन 17 पदकों में चार स्वर्ण, छह रजत व सात कांस्य पदक शामिल हैं। अन्य क्लासिफिकेशन में भाला फेंक स्पर्धा में, सुमित अंतिल ने F64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता  था जबकि अजीत सिंह और सुंदर सिंह गुर्जर ने F46 वर्ग में क्रमशः स्वर्ण और कांस्य पदक जीते थे।

सिमरन ने 24.75 सेकेंड का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय निकाला

उधर सिमरन ने 200 मीटर T12 में दृढ़ संकल्प के साथ सभी बाधाओं का सामना करते हुए कांस्य पदक जीत लिया। मौजूदा विश्व चैम्पियन 24 वर्षीया सिमरन 24.75 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय के साथ पोडियम पर तीसरे स्थान पर रहीं। वह इससे पहले 100 मीटर स्पर्धा में चौथे स्थान पर रही थीं।

पैरालम्पिक में टी12 वर्गीकरण दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था। 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताने के बाद पता चला कि वह दृष्टिबाधित हैं। इसी वर्ष जापान के कोबे में विश्व चैम्पियन बनने वाली सिमरन को अपने पूरे जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके पिता की पुरानी बीमारी और अंततः निधन भी शामिल था।

400 मीटर दौड़ में आठवां स्थान पा सके दिलीप गवित

वहीं ट्रैक एंड फील्ड में भारत की उपस्थिति वाली अंतिम स्पर्धा यानी पुरुषों की 400 मीटर दौड़ T47 के फाइनल में दिलीप गवित 49.99 सेकेंड के साथ आठवां स्थान पा सके। मोरक्को के एल हड्डाउई एइमान ने 46.65 सेकेंड में रेस पूरी की और अपना ही विश्व रिकॉर्ड (46.67 सेकेंड) तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता जबकि उन्हीं के देशवासी और टोक्यो 2020 में पैरालम्पिक रिकॉर्ड (46.98 सेकेंड) बनाने वाले सादनी अयूब (47.16 सेकेंड) रजत पदक हासिल किया।

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