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राष्ट्रपति कोविंद की कानपुर यात्रा के लिए प्रेसिडेंशियल ट्रेन तैयार, एनएसजी कमांडो व बुलेटप्रुफ शीशे से लैस कोच

राष्ट्रपति कोविंद की कानपुर यात्रा के लिए प्रेसिडेंशियल ट्रेन तैयार, एनएसजी कमांडो व बुलेटप्रुफ शीशे से लैस कोच

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नई दिल्ली, 24 जून। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से प्रेसिडेंशियल ट्रेन में अपने गृहनगर कानपुर तक की यात्रा करेंगे। 15 वर्षों बाद भारत के किसी भी राष्ट्रपति की यह पहली ट्रेन यात्रा होगी। यात्रा के दौरान इस खास ट्रेन की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

टूंडला, फिरोजाबाद होते हुए 5.30 घंटे में कानपुर पहुंचेगी ट्रेन

प्राप्त जानकारी के अनुसार अनुसार नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो की सुरक्षा और बुलेटप्रुफ शीशों से लैस कोचों की यह ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से शुक्रवार को अपराह्न 1.30 बजे रवाना होगी। अपराह्न चार बजे के करीब टूंडला और शाम सात बजे के करीब फिरोजाबाद होते हुए यह ट्रेन पांच घंटे 30 मिनट में कानपुर पहुंच जाएगी।

कानपुर से लखनऊ तक का सफर भी इसी ट्रेन से

कानपुर में दो दिनों तक विभिन्न कार्यक्रमों के भाग लेने के बाद 28 जून को राष्ट्रपति कोविंद इसी खास ट्रेन से कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से पूर्वाह्न 10.20 बजे लखनऊ पहुंचेंगे। लखनऊ से 29 जून को वह विशेष उड़ान से नई दिल्ली लौटेंगे।

ट्रेन की सुरक्षा में एनएसजी कमांडो और बम निरोधक दस्ता
आगरा के रेलवे पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि इस स्पेशल ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था में एनएसजी कमांडो, बम निरोधक दस्ता, फायर ब्रिगेड, सीआरपीएफ और 200 से अधिक जवानों को लगाया जाएगा।

ट्रेन को दो विशेष बोगियां बुलेटप्रुफ शीशे से लैस
प्रेसिडेंशियल ट्रेन में दो विशेष बोगियां (स्पेशल कोच) लगाई गई हैं, जिनमें बुलेटप्रूफ शीशे लगे हैं। इस ट्रेन में पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगा है। सुरक्षा के मद्देनजर ट्रेन के आगे एक खाली इंजन भी दौड़ेगा, जिससे इस बात की जानकारी मिल सके कि ट्रैक में कोई दिक्कत तो नहीं है। रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ पुलिस का सख्त पहरा भी रहेगा। यात्रा के दौरान रेलवे ट्रैक के किनारे आवारा जानवरों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके।

राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद पहली बार जन्मस्थान जाएंगे
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी। हालांकि वह पहले ही यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका।

जन्मस्थली परौंख गांव में दो समारोहों का आयोजन
बयान के अनुसार ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा में दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुखातिब होंगे। ये दोनों स्थान कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के निकट हैं, जहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का भी आयोजन किया जाएगा।

राष्ट्रपति कलाम वर्ष 2006 में ट्रेन से देहरादून गए थे
गौरतलब है कि 15 वर्षों के अंतराल बाद देश का कोई राष्ट्रपति ट्रेन में सफर करेगा। इससे पहले वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ट्रेन में सफर किया था। वह भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट की पासिंग आउट परेड में शरीक होने के लिए विशेष ट्रेन से दिल्ली से देहरादून गए थे।

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