लखनऊ, 3 दिसम्बर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि संतों का अपमान करने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं। सिंह ने एक बयान में कहा कि हिन्दू मान्यता, हिन्दू संस्कृति के प्रतीकों और पूज्य संतों का अपमान करने वाले सपा मुखिया को संतो और सनातन मतावलंबियों से माफी मांगनी चाहिये। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों में पराजय से अखिलेश हताश और निराश हैं। उन्हें फिर एक बार अपनी हार का अंदेशा हो गया है जिस कारण उनके बोल बिगड़े हुए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा मुखिया केवल चुनाव के वक्त ही वे धार्मिक प्रयोजनों का स्वांग रचते हैं। अन्य दिन में उनका टोपी लगाकर घूमना फिरना उत्तर प्रदेश की जनता ने देखा है। वे अपने अनर्गल प्रलाप से एक पंथ और समुदाय के लोगों को तो खुश कर सकते हैं लेकिन संत परंपरा और सनातन संस्कृति को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को वे चोटिल करते हैं। उनका यह खिलवाड़ उनकी वोट बैंक वाली राजनीति पर भारी पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश का विकास सुहा नहीं रहा है, क्योंकि वे खुदके व केवल कुनबे के विकास के ही वाहक रहे हैं। उन्हें गरीब को मिली पक्की छत, उज्जवला योजना का सिलेंडर और उसके घर पर बल्ब की रोशनी अच्छी नहीं लग रही है। उन्हें गरीब को भरपेट राशन दिया जाना पसंद नहीं आ रहा है, वे गरीब को खुश देखकर दुखी हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसके हिस्से पर ही तो डाका डालकर खुद उनके कुनबे में संपन्नता आई है। भाजपा के प्रदेश के मुखिया ने कहा कि उनका दुख समझ में आता है, क्योंकि आज अखिलेश यादव की जातिवादी, तुष्टिकरण की राजनीति को जनता समझ गई है।