नई दिल्ली, 28 जनवरी। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी के (भाजपा) 12 विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा से एक साल के निलंबन को शुक्रवार को असंवैधानिक, अवैध और मनमाना करार दिया। न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि निलंबन एक सत्र से अधिक समय के लिए नहीं हो सकता।
पीठ ने कहा कि 5 जुलाई 2021 को महाराष्ट्र विधानसभा का वह प्रस्ताव असंवैधानिक है, जिसमें 12 विधायकों को एक साल के लिए निलंबित किया गया था। शीर्ष अदालत ने निलंबित विधायक आशीष शेलार और अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर आज अपना फैसला सुनाया। पीठ ने संबंधित पक्षों का पक्ष सुनने के बाद 19 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबन पर उठाए थे सवाल
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने पर सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विधायकों को एक साल तक निलंबित करना निष्कासन से भी बदतर है और ये पूरे निर्वाचन क्षेत्र को सजा देना होगा। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की।
कौन-कौन थे निलंबित?
गौरतलब है कि निलंबित 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया थे।