नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। राज्य सभा में सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि अगर विपक्ष जिम्मेदार हो तो सदन चल सकता है और सदन चलाना अगर सरकार की ज़िम्मेदारी है तो विपक्ष को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। सोमवार को संसद भवन परिसर में संवाददाताओं के प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री गोयल ने विरोधी दलों पर निशाना साधा और कहा कि विपक्षी सांसद हंगामा करें, सदन और सभापति की गरिमा को ठेस पहुंचाए और माफी मांगने को भी तैयार न हो, यह विपक्ष के गैर-जिम्मेदाराना रवैये को दिखाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सभा के सभापति वैकेया नायडू के कहने पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी दलों के निलंबित सांसदों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया था लेकिन ये बातचीत करने भी नहीं आए।
राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के सरकार पर विपक्षी एकता को तोड़ने के आरोप का जवाब देते श्री गोयल ने कहा कि अगर उन्हें कोई सुझाव देना था तो बैठक में आकर देते। सरकार अन्य दलों को भी बुला लेती।
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा के सदन में 2010 के उदाहरण को मानने की सलाह पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि 2010 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई भी सांसद निलंबित नहीं हुआ था लेकिन फिर भी विपक्ष के नेता के तौर पर उस समय अरूण जेटली ने सांसदों के व्यवहार के लिए कई बार खेद व्यक्त किया था। सांसदों ने भी उस वक़्त व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी थी।
संसदीय कार्य मंत्री ने दावा किया कि भारत के संसदीय इतिहास में 1962 से लेकर अब तक कई बार सांसदों को निलंबित किया गया है और लगभग हर बार माफी मांगने के बाद ही निलंबन वापस हुआ है।