नेपाल : नवनियुक्त प्रधानमंत्री देउबा ने निचले सदन में हासिल किया विश्वास मत, पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली, 19 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से सोमवार को फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने नेपाली समकक्ष को उनकी नियुक्ति और संसद में विश्वास मत हासिल करने के लिए बधाई व शुभकामनाएं दीं। साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबधों को और मजबूती प्रदान करने पर बल दिया।
पीएम मोदी ने पांचवीं बार प्रधानमंत्री बने देउबा से बातचीत की जानकारी एक ट्वीट के जरिए साझा की। उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से फोन पर बात की और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दीं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई सहित भारत और नेपाल के बीच विभिन्न विषयों पर सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए हम साथ मिलकर काम करेंगे।’
देउबा ने पीएम मोदी से कहा – आपका बहुत-बहुत शुक्रिया
उधर नेपाली पीएम देउबा ने भी पीएम मोदी की ओर से मिली बधाई और शुभकामनाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। देउबा ने एक ट्वीट में लिखा, ‘मेरी आज दोपहर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर मैत्रीपूर्ण बातचीत हुई। हमने द्विपक्षीय संबंध और मजबूत करने पर विचार साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल को कोविड-19 टीकों की जल्द आपूर्ति का भरोसा दिलाया। मुझे बधाई देने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।’ देउबा ने रविवार देर रात भी ट्वीट किया था – ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बधाई संदेश देने के लिए आपका बहुत- बहुत शुक्रिया।’
2017 में पीएम बनने के बाद पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे देउबा
इससे पहले देउबा ने जून 2017 में प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में अगस्त, 2017 में भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की थी। उसके पूर्व देउबा 1996, 2004 और 2005 में प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार भारत आए थे।
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में देउबा को मिले 165 मत
गौरतलब है कि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष 75 वर्षीय देउबा ने बहाल की गई प्रतिनिधि सभा में रविवार को आसानी से विश्वास मत जीत लिया था। इसके साथ ही कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच हिमालयी देश में आम चुनाव टल गए।
275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में देउबा ने 165 मत हासिल किए अपना बहुमत साबित किया। संसद का विश्वास हासिल करने के लिए कुल 136 मतों की आवश्यकता थी। उन्हें उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद 12 जुलाई को संविधान के अनुच्छेद 76(5) के तहत प्रधानमंत्री बनाया गया था।
केपी शर्मा ओली को दो माह में दूसरी बार छोड़नी पड़ी थी कुर्सी
इसके पूर्व देउबा के पूर्ववर्ती पीएम खड्ग प्रसाद (केपी) शर्मा ओली को दो माह के भीतर दूसरी बार अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 15 फरवरी, 2018 को दूसरी बार प्रधानमंत्री का पदभार संभालने वाले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के अध्यक्ष ओली इसी वर्ष 13 मई को सदन में बहुमत साबित नहीं कर सके थे और उन्हें पद से हटना पड़ा था। हालांकि राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने दो दिन बाद ही उन्हें फिर से प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त करने का फैसला किया क्योंकि वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए किसी भी अन्य राजनीतिक दल के संसद में बहुमत हासिल करने की सूरत नहीं दिख रही थी।
फिलहाल प्रतिनिधि सभा के विघटन के खिलाफ विपक्षी गठबंधन द्वारा दायर रिट की सुनवाई के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने गत 12 जुलाई को कहा कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी का प्रधानमंत्री ओली की सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग करने का निर्णय गैरकानूनी था। इसी क्रम में पीठ ने 28 घंटे के भीतर नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करने का आदेश दिया, जिसके बाद ओली को गत 13 जुलाई को फिर इस्तीफा देना पड़ा था।