गोरखपुर, 10 दिसम्बर। केंद्रीय शिक्षा, कौशल एवं उद्यमिता विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तीन क्रियाशील व एक निर्माणाधीन विश्वविद्यालय के जरिये ज्ञान नगरी के रूप में विकसित गोरखपुर को “स्पेशल एजुकेशन जोन” बनाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “स्पेशल इकोनामिक जोन” की तर्ज पर “स्पेशल एजुकेशन जोन” से प्रधानमंत्री की मंशा और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता के अनुरूप ग्लोबल सिटीजन (वैश्विक नागरिक) तेजी से तैयार हो सकेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 89वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्पेशल एजुकेशन जोन से विश्व भर की समस्याओं का समाधान गोरखपुर में निकाला जाएगा और इसमें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की संस्थाओं व इसके विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आई नई शिक्षा नीति रणनीतिक परिवर्तन के अनुरूप तैयार की गई है।
नई शिक्षा नीति के जरिए तैयार करेंगे विश्व नागरिक
श्री प्रधान ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत को विश्व का नम्बर एक देश बनाना है। नम्बर एक विश्व में वर्चस्व के लिए नहीं बल्कि विश्व कल्याण के लिए। नई शिक्षा नीति का विचार भारत के बच्चों को वैश्विक नागरिक बनाने का है। गोरखपुर के बच्चे भी वैश्विक नागरिक बनने में जुटेंगे। यहां बाबा गंभीरनाथ पीठ की स्थापना तो हो ही रही है, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय और इसके पहले से शुरू दो विश्वविद्यालय स्पेशल एजुकेशन जोन से जुड़कर इस आध्यात्मिक नगरी में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।
मुद्दा नहीं समाधान निकालता है योगी जी का नेतृत्व
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की मुक्तकंठ से तारीफ की। कहा कि योगी जी का नेतृत्व मुद्दा को लेकर परेशान नहीं रहता बल्कि हर मुद्दे का समाधान निकालता है। इस दौरान एक संस्मरण साझा करते हुए उन्होंने कहा कि 2004 में जब वह पहली बार लोकसभा पहुंचे तो योगी आदित्यनाथ को देखकर उनके मन मे सवाल था कि एक सन्यासी क्या मुद्दा उठाता होगा। पर, जब योगी जी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में कालाजार बीमारी का जिस अंदाज में मुद्दा उठाया, उसे देखकर वह अभिभूत थे। श्री प्रधान ने कहा कि आज योगी आदित्यनाथ सफल नेतृत्व के प्रतिमान हैं। उनके नेतृत्व में पूर्वी उत्तर प्रदेश को पीएम मोदी के हाथों खाद कारखाना की सौगात मिली है। यूपी में घर घर पानी की तरह गैस पहुंचने जा रही है।
युगपुरुष हैं ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि युग पुरुष किसे कहा जाए, इस प्रश्न के विचार पर उत्तर ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ के रूप में मिलता है। लंबे मुगलिया और अंग्रेजी हुकूमत के बाद समाज की स्थिति को उन्होंने अपनी दूरदृष्टि से पहचाना और देश व समाज के नए भविष्य के लिए 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की नींव रखी। महंत दिग्विजयनाथ की दूरदर्शिता आज समझ में आती है। उनकी दूरदर्शी परम्परा को ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और आज योगी आदित्यनाथ ने तेजी से आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले जब महाप्रलय हुआ होगा तो शायद यह इलाका महासागर रहा होगा। महाप्रलय के बाद हिमालय महापर्वत की तलहटी में स्थित यह गोरखपुर शिव जी के अवतार महाप्रभु गुरु गोरखनाथ जी का पवित्र तीर्थ है। महाप्रभु बुद्ध का जन्म स्थान भी यही अंचल रहा है। ऐसी धरा को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने 89 वर्षों से ज्ञान की नगरी के रूप में समर्पित किया है। श्री प्रधान ने धर्म अध्यात्म के साथ सेवा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ की सराहना करते हुए कहा कि समाज पर जब-जब विपत्ति आई, तब-तब इस पीठ ने आगे बढ़कर समाज को जागृत किया, उसका नेतृत्व किया।