उत्तराखंड : नैनीताल हाई कोर्ट ने हटाई चारधाम यात्रा पर लगी रोक, कोविड नियमों के पालन का आदेश
नैनीताल, 16 सितम्बर। उत्तराखंड के नैनीताल हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाने के साथ गत 28 जून को निर्गत अपना निर्णय वापस ले लिया है। हालांकि कोर्ट ने नए आदेश में राज्य सरकार से कहा है कि चारधाम यात्रा के दौरान कोविड नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए।
उत्तराखंड सरकार यात्रा के लिए जारी करेगी नई एसओपी
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण में है। ऐसे में यात्रा से रोक हटाई जाए। यात्रा के लिए सरकार नई एसओपी जारी करेगी।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि केदारनाथ धाम में 800 यात्री, बदरीनाथ धाम में 1,200 यात्री, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को प्रतिदिन जाने की अनुमति होगी। इस दौरान यात्री किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।
निगेटिव रिपोर्ट और टीका प्रमाणपत्र अनिवार्य
आदेश में यह भी कहा गया है कि हर यात्री को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट और टीका प्रमाणपत्र लाना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं।
कोरोना की वजह से चारधाम यात्रा पर लगी थी रोक
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने गत 26 जून को कोविड की वजह से चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की थी, लेकिन पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी।
राज्य सरकार ने इसके बाद 10 सितम्बर को हाई कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने, राज्य में कोविड के कम मामले आने समेत कोविड नियमों के अनुपालन का पक्ष रखते हुए चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाने की मांग की थी।