कैबिनेट समिति ने की सिफारिश : संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त के बीच होने की संभावना
नई दिल्ली, 14 जून। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त के बीच होने की संभावना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने इस निमित्त सिफारिश की है। शीर्ष सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला अभी किया जाना बाकी है।
संसद सत्र के दौरान ही उप राष्ट्रपति का भी चुनाव होने की उम्मीद
सूत्रों का कहना है कि आगामी सत्र में 17 कार्य दिवस होने की संभावना है। सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अलावा उप राष्ट्रपति चुनाव भी होने की संभावना है। भारत के चुनाव आयोग ने जहां राष्ट्रपति चुनावों की घोषणा कर दी है, वहीं उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए अब तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया है।
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होगा
राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होंगे और परिणाम 21 जुलाई को घोषित किए जाएंगे। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होगा। कई विधेयक, जिन्हें पिछले दिनों संसदीय जांच के लिए भेजा गया था, मानसून सत्र में पारित कराने के लिए लाए जाएंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए फॉर्म बुधवार से संसद में उपलब्ध होंगे
इस बीच राष्ट्रपति चुनाव के लिए फॉर्म बुधवार से संसद में उपलब्ध होंगे। जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है, उसे प्रस्तावक और समर्थक के रूप में 50 निर्वाचित प्रतिनिधियों की आवश्यकता होती है। उम्मीदवार को 15,000 रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए सांसदों और विधायकों को मिलाकर 4,809 मतदाता मतदान के पात्र हैं।
राज्यसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रकोष्ठ स्थापित किया
चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया बुधवार से शुरू होगी, इस निमित्त राज्यसभा सचिवालय ने मतदान के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन किया है। राज्यसभा के महासचिव पी. सी. मोदी को 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह इस प्रकोष्ठ के प्रमुख भी होंगे।
राज्यसभा के महासचिव पी. सी. मोदी निर्वाचन अधिकारी नियुक्त
निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए स्थापित किए गए इस प्रकोष्ठ में राज्यसभा सचिवालय के ‘टेबल ऑफिस’ के लगभग सभी अधिकारी शामिल हैं। विशेष कार्य अधिकारी मुकुल पांडे और राज्यसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव सुरेंद्र कुमार त्रिपाठी – चुनाव के लिए दोनों सहायक निर्वाचन अधिकारी – भी इस प्रकोष्ठ का हिस्सा हैं।
नामांकन पत्र केवल संसद भवन में उपलब्ध होंगे, इसलिए प्रकोष्ठ फॉर्म मांगने वालों और नामांकन दाखिल करने वालों के लिए बाधा रहित प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सचिवालयों के अधिकारी, जो मतगणना प्रक्रिया का हिस्सा होंगे, निर्वाचन आयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।