मोदी सरकार का नववर्ष पर किसानों को तोहफा – DAP खाद के लिए विशेष सब्सिडी की घोषणा
नई दिल्ली, 1 जनवरी। मोदी सरकार ने नववर्ष के अवसर पर किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए डाय-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) खाद की खरीद के लिए 3,850 करोड़ रुपये तक के एकमुश्त विशेष पैकेज के विस्तार की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
डीएपी के लिए एकमुश्त विशेष पैकेज को जनवरी-दिसंबर 2025 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है। इस कदम का मकसद किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करना है। कुछ जगहों पर किसान डीएपी न मिलने की शिकायत कर रहे थे।
नई सब्सिडी से डीएपी की कीमतों में नहीं होगा कोई बदलाव
फिलहाल, डीएपी की 50 किलो की एक बोरी का दाम 1,350 रुपये है। सरकार के नए एलान से इसकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। दरअसल, वैश्विक बाजार अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव के चलते खाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। दरअसल, मोदी सरकार वन टाइम स्पेशल सब्सिडी देकर सुनिश्चित करना चाहती है कि डीएपी के दाम में अब ज्यादा बढ़ोतरी न हो, ताकि किसानों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। इससे डीएपी की मार्केट में लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
खाद की कीमतों में उतार-चढ़ाव की ये है वजह
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्ष 2025 की पहली कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि हूती विद्रोहियों के हमले की वजह से लाल सागर का रास्ता असुरक्षित हो गया है। इसके चलते जहाजों को केप ऑफ गुड होप के जरिए आना पड़ रहा है। इससे खाद आयात करने की लागत बढ़ जा रही है, जिसका असर कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ती है तो उससे खाद के दाम भी प्रभावित हो सकते हैं। यही वजह है कि सरकार अतिरिक्त सब्सिडी का इंतजाम करके किसानों को राहत देने की कोशिश कर रही है।
10 साल में सरकार ने खाद पर कितनी सब्सिडी बढ़ाई?
अश्विनी वैष्णव ने दावा किया कि पीएम मोदी ने 2014 से कोविड और कई देशों में युद्ध जैसी समस्याओं के बावजूद सुनिश्चित किया है कि बाजार की अस्थिरता का बोझ किसानों पर न पड़े। उन्होंने कहा, ‘2014 से 2023 के बीच सरकार ने खाद पर 1.9 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। यह 2004-2014 के मुकाबले दोगुने से अधिक है।’
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को जारी रखने की दी मंजूरी
कैबिनेट ने इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल को होने वाले नुकसान पर किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। गौरतलब है कि इसके लिए 2021-22 से 2025-26 तक कुल 69,515 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इस फैसले से देशभर के किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें फसल खराब होने पर आर्थिक मदद मिल सकेगी।
824 करोड़ रुपये लागत का नवाचार और तकनीक फंड की स्थापना
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने 824 करोड़ रुपये लागत का नवाचार और तकनीक फंड की स्थापना की है। इस फंड का उपयोग कृषि में उन्नत तकनीकों को लागू करने के लिए किया जाएगा, जिससे बीमा क्लेम जल्दी और पारदर्शिता से निबटाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना के तहत 2023-24 में चार करोड़ किसानों का बीमा किया गया है। नीतियों के लिहाज से यह देश की सबसे बड़ी योजना और कुल प्रीमियम के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी योजना है।