
महाराष्ट्र : ठाणे में MNS कार्यकर्ताओं का बैंक ऑफ महाराष्ट्र में हंगामा, मराठी न बोलने पर प्रबंधक को धमकाया
ठाणे, 3 अप्रैल। महाराष्ट्र में ठाणे जिले के अंबरनाथ शहर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं द्वारा एक राष्ट्रीयकृत बैंक के प्रबंधक को मराठी में बात नहीं करने पर धमकाए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना से इलाके में तनाव बढ़ गया है। यह घटना बुधवार को उस समय हुई, जब मनसे कार्यकर्ता बैंक ऑफ महाराष्ट्र में गए और मराठी में बात नहीं कर पाने के कारण प्रबंधक के साथ आक्रामक तरीके से पेश आए।
मनसे कार्यकर्ताओं ने बैंक प्रबंधक पर ग्राहकों से बातचीत में राज्य की आधिकारिक भाषा मराठी का प्रयोग न करने का आरोप लगाया। मनसे कार्यकर्ताओं और बैंक के प्रबंधक के बीच बहस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस घटना के वीडियो क्लिप में मनसे कार्यकर्ताओं को मेज पर जोर से हाथ पटकते, कंप्यूटर मॉनीटर को धक्का देते और प्रबंधक पर चिल्लाते हुए तथा उनसे मराठी में बात करने की मांग करते देखा जा सकता है।
"इधर नौकरी करने का, तो मराठी सीखने का"
Working in Maharashtra isn't safe anymore MNS Goons attacking Branch Managers of BOM.@nsitharaman @nsitharamanoffc @DFS_India @RBI @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/SV0wiUI8LG
— Newton Bank Kumar (@idesibanda) April 3, 2025
मनसे कार्यकर्ता ने बैंक प्रबंधक को यहां तक धमकी दे डाली कि “इधर नौकरी करने का, तो मराठी सीखने का”। हालांकि, बैंक प्रबंधक इससे अप्रभावित दिखे और उन्होंने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें आधिकारिक संचार में किसी भी स्वीकार्य भाषा का प्रयोग करने की अनुमति है। वीडियो में बैंक के प्रबंधक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘किसी से स्थानीय भाषा तुरन्त सीखने की उम्मीद नहीं की जा सकती, इसमें समय लगता है।’
राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की स्थानीय इकाई ने पुष्टि की है कि इस घटना में उसके कार्यकर्ता और सदस्य शामिल थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस विवाद के संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है या नहीं।
इस बीच संबंधित घटनाक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा की रक्षा के लिए अपना अभियान जारी रखा। मनसे के छात्र प्रकोष्ठ के महासचिव संदीप पाचंगे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ठाणे में जिला परिषद में शिक्षा अधिकारी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपकर उन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खिलाफ सख्त काररवाई की मांग की, जो छात्रों को मराठी बोलने से रोकते हैं।