लखीमपुर हिंसा : गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के खिलाफ काररवाई तय, हो सकती है मोदी कैबिनेट से छुट्टी
नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में गत रविवार को हुई खूनी हिंसा के दौरान चार किसान और एक पत्रकार सहित नौ लोगों की मौत के बाद विवादों में घिरे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई तय प्रतीत हो रही है और सूत्रों पर भरोसा करें तो मोदी कैबिनेट में यूपी के इकलौते ब्राह्मण चेहरे की जल्द विदाई भी हो सकती है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन कर अजय मिश्र को दिल्ली तलब किया गया था। हालांकि समन किए जाने की बात को अजय मिश्र ने खारिज कर दिया था। उन्होंने मंगलवार को कहा था, ‘पार्टी हाई कमान ने मुझे समन नहीं किया है। मैं आज या कल रात को दिल्ली जाऊंगा, वहां मुझे कुछ काम निबटाने हैं।’
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र राष्ट्रीय राजधानी स्थित नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में आज आधा घंटे तक रुके। लखीमपुर खीरी घटना के बाद वह पहली बार वह अपने दफ्तर पहुंचे थे।
बीपीआरडी ने स्थगित की राज्यों के जेल प्रमुखों की कॉन्फ्रेंस, अजय मिश्र थे मुख्य अतिथि
इस बीच ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) ने सभी राज्यों के जेल प्रमुखों की सात अक्टूबर को प्रस्तावित कॉन्फ्रेंस को टाल दिया है। इस कॉन्फ्रेंस में अजय मिश्र बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अजय मिश्र को जल्द ही गृह राज्य मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
लखीमपुर खीरी हिंसा में बेटे सहित अजय मिश्र का नाम आने से भाजपा की किरकिरी
ज्ञातव्य है कि लखीमपुर खीरी में हिंसा में केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे आशीष मिश्र ‘मोनू’ का नाम आने से यूपी और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की काफी किरकिरी हुई है। सोमवार रात को इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें तेज स्पीड जीप प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलती नजर आ रही है।
इस घटना में आशीष मिश्र ‘मोनू’ के खिलाफ जो एफआईआर हुई है, उसमें संगीन आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर में लिखा है कि आशीष मिश्र उसी जीप पर बैठे थे, जिसने किसानों को कुचल दिया था। आशीष उस जीप में बाईं तरफ बैठे थे और गोलियां चला रहे थे। इस मामले में जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है।