दिल्ली में मेयर पद का चुनाव टला, ‘आप’ और भाजपा पार्षदों के बीच हंगामे के बाद एमसीडी की बैठक स्थगित
नई दिल्ली, 6 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को मेयर पद का चुनाव टल गया। दरअसल, सिविक सेंटर में आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भादपा) के पार्षदों के बीच जमकर हुए हंगामे के बाद सदन पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन में ‘आप‘ व भाजपा पार्षदों के बीच हाथापाई, कुर्सियां भी चलीं
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में आज मेयर पद के लिए पूर्वाह्न 11 बजे से वोटिंग होनी थी। लेकिन इससे पहले सदन में AAP पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान ‘आप’ पार्षदों के साथ भाजपा पार्षदों की हाथापाई भी हुई, जमकर धक्का मुक्की हुई। यहां तक कि सदन में कुर्सियां भी चलीं और कुछ पार्षद टेबल पर भी चढ़ गए।
कांग्रेस का वोटिंग से अलग रहने का फैसला
‘आप’ पार्षद मनोनीत सदस्यों को पहले शपथ दिलाने का विरोध कर रहे थे। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने उप राज्यपाल विजय कुमार सक्सेना द्वारा मेयर चुनाव के लिए भाजपा पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त करने पर आपत्ति जताई गई। उधर, कांग्रेस ने इस चुनाव में वोटिंग में हिस्सा न लेने का फैसला किया।
टल सकता है मेयर चुनाव
कुल मिलाकर सदन की कार्यवाही का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। ऐसे में माना जा रहा है कि मेयर चुनाव टल सकता है। उधर, ‘आप’ ने इस मुद्दे पर कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं।
गौरतलब है कि एमसीडी की 250 सीटों के लिए गत चार दिसम्बर को हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल कर भाजपा की डेढ़ दशक से ज्यादा समय से चली आ रही सत्ता छीन ली थी। भाजपा 104 सीटों पर विजयी रही थी। एक निर्दलीय पार्षद गजेंद्र सिंह दराल के भाजपा में शामिल होने के बाद एमसीडी में पार्टी के सदस्यों की संख्या 105 हो गई है। कांग्रेस ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी।
मेयप पद पर ‘आप‘ की शैली ओबेरॉय व भाजपा की रेखा गुप्ता में होनी है टक्कर
महापौर पद के लिए उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ‘आप’ की उम्मीदवार हैं तो भाजपा ने तीसरी बार पार्षद बनीं सीनियर नेता रेखा गुप्ता को उतारा है। उप महापौर पद के लिए आले मोहम्मद इकबाल और जलज कुमार (आप) तथा कमल बागरी (भाजपा) हैं।
नंबर गेम में भाजपा से आगे है आम आदमी पार्टी
नंबर गेम की बात करें तो आम आदमी पार्टी के पास एमसीडी के सदन में बहुमत है, ये जानते हुए भी भाजपा ने अपना मेयर उम्मीदवार उतारा है। विधानसभा में संख्याबल के आधार पर 14 में से 13 नामित विधायक AAP के हैं, जो मेयर चुनाव में वोट डालेंगे। 10 सांसदों को भी वोटिंग अधिकार है, जिनमें सात भाजपा के हैं तो तीन राज्यसभा सांसद आम आदमी पार्टी के।
एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता, ह्विप भी काम नहीं करता
इसलिए कुल जिन 274 चुने हुए नुमाइंदों को वोटिंग का अधिकार है, उनमें 150 की संख्या आम आदमी पार्टी के पास है जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास 113 वोट हैं। वैसे, भाजपा नंबर गेम में भले पीछे है, लेकिन एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता और न ही कोई ह्विप काम करता है। इसलिए अगर जोड़ तोड़ हुई तो संभावनाएं असीमित हैं।