उप राष्ट्रपति चुनाव : मार्गरेट अल्वा होंगी संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने की घोषणा
नई दिल्ली, 17 जुलाई। राजस्थान की पहली महिला राज्यपाल रह चुकीं और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा अगले माह प्रस्तावित उप राष्ट्रपति के चुनाव में संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार होंगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में यह घोषणा की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अल्वा अब सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को चुनौती देंगी। शनिवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्चिम बंगाल के मौजूदा राज्यपाल जगदीप धनखड़ के नाम की घोषणा की थी। हालांकि आज संसद भवन में हुई सर्वदलीय बैठक में भाजपा की तरफ से उप राष्ट्रपति के लिए आम सहमति बनाने की कोशिश भी की गई थी। लेकिन इसके कुछ देर बाद ही विपक्ष ने अल्वा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया।
6 अगस्त को होगा उप राष्ट्रपति चुनाव
उप राष्ट्रपति चुनाव छह अगस्त को होगा। उप राष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है। चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं। इनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल होते हैं।
अल्वा के मुकाबले धनखड़ का पलड़ा भारी
वस्तुतः राष्ट्रपति चुनाव की भांति उप राष्ट्रपति के चुनाव में भी राजग उम्मीदवार जगदीप धनखड़ का पलड़ा भारी प्रतीत हो रहा है। मौजूदा समय में लोकसभा में भाजपा के 303 सदस्य हैं जबकि राज्यसभा में 91 हैं। यानी अकेले भाजपा के सांसदों की संख्या ही 394 है। अगर सहयोगी दलों और मनोनीत सदस्यों को जोड़ दिया जाए तो यह संख्या आसानी से 450 तक पहुंच जाती है। संसद के दोनो सदनों में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 के हिसाब से जीत के लिए केवल 391 वोटों की जरूरत होगी। ऐसे में विपक्ष का चुनाव लड़ना एक औपचारिकता भर ही है।