GST काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले : रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट होगा सस्ता, सोलर कुकर महंगा
नई दिल्ली, 22 जून। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार वस्तु एवं सेवा कर परिसद (GST Council) की 53वीं बैठक हुई। बैठक के बाद निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में व्यापार को आसान बनाने और करदाताओं को राहत देने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों से व्यापारियों, MSMEs और करदाताओं को लाभ होगा।
सीतारमण ने बताया कि भारतीय रेलवे के प्लेटफॉर्म टिकट, बैटरी वाली कार सर्विस जैसी सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट समेत अन्य सेवाएं सस्ती हो जाएंगी। वहीं, सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत के एक समान कर की सिफारिश की गई है। इसी क्रम में सोलर कुकर का दाम बढ़ने जा रहा है।
रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट अब GST के दायरे से बाहर
भारतीय रेलवे की ओर से आम आदमी को दी जाने वाली सेवाओं को GST के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश की है। इसमें प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम और वेटिंग रूम की सुविधा, बैटरी चालित कार जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा इंट्रा-रेलवे सप्लाई को भी GST से छूट दी जा रही है।
सेक्शन 73 के तहत नोटिस पर ब्याज और जुर्माना होगा माफ
वित्त मंत्री ने कहा, ‘काउंसिल ने GST एक्ट की सेक्शन 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जिसमें धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामले शामिल नहीं हैं। वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए सेक्शन 73 के तहत जारी किए गए सभी नोटिसों के लिए, परिषद ने उन डिमांड नोटिसों पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है, जो तामील हो चुकी है।’
सोलर कुकर, दूध के कैन और कार्टन बॉक्स पर लगेगा 12% टैक्स
जीएसटी काउंसिल ने दूध के कैन (Milk cans) पर 12 फीसदी के दर से टैक्स लगाने की सिफारिश की है। इसके अलावा काउंसिल ने सभी कार्टन बॉक्स पर 12 फीसदी की दर निर्धारित की है। सभी सोलर कुकर पर भी 12% जीएसटी दर लागू होगी। साथ ही फायर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर भी 12 फीसदी जीएसटी की दर लागू होगी।
फेक इनवॉइस रोकने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन
सीतारमण ने कहा कि फेक इनवॉइस पर रोक लगाने के लिए चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन लागू किया जाएगा।
पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का इरादा
वित्त मंत्री ने साफ किया कि केंद्र सरकार का इरादा पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का है। इसके लिए किसी संशोधन की जरूरत नहीं है। राज्यों को इसमें शामिल होकर फ्यूल्स पर GST दर तय करने की जरूरत है।
बजट सत्र के बाद होगी GST काउंसिल की अगली बैठक
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘कम समय होने की वजह से हम सीमित विषयों पर ही विचार कर सकते थे। जुलाई में प्रस्तावित बजट सत्र के बाद एक और जीएसटी बैठक आयोजित की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि बाकी बचे एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त के मध्य में आयोजित करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए एक मंत्रियों के समूह (GoM) का गठन हुआ है, जो अगस्त में GST परिषद को रिपोर्ट देगा। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की यह बैठक आठ महीने के अंतराल के बाद हुई है। पिछली बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी।