महाराष्ट्र : चुनावी वादे पूरे करने के लिए महायुति सरकार पर पड़ेगा 35,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ
मुंबई, 25 नवम्बर। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बंपर जीत भाजपा की अगुआई वाला महायुति गठबंधन भले ही उत्साहित है। लेकिन, जल्द ही शपथ ग्रहण करने वाली नई सरकार को निकट भविष्य में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा और उसे अगले मार्च तक अतिरिक्त 9,000 करोड़ रुपये जुटाने होंगे जबकि अगले वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त 35,000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना पड़ेगा। ये रुपये महायुति सरकार को चुनावी वादे पूरा करने के लिए जुटाने होंगे।
महायुति ने मतदाताओं से किए थे कई वादे
उल्लेखनीय है कि भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) व एनसीपी (अजित पवार गुट) के महायुति गठबंधन ने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की जनता से कई वादे किए थे। इसमें नई एंप्लॉयमेंट बेनेफिट स्कीम, महिलाओं को कैश ट्रांसफर बढ़ाने और पीएम किसान योजना के तहत सभी किसानों को 15,000 रुपये ट्रांसफर सहित कई वादे शामिल हैं।
मार्च तक करने होंगे अतिरिक्त 8807 करोड़ खर्च
एक अनुमान के अनुसार सभी वादों को पूरा करने पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के बचे महीनों में नई सरकार को 8,807 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। इसमें से आधा से ज्यादा खर्च सिर्फ लाडली बहन योजना पर होगा। सरकार ने लाडली बहन योजना पर महिलाओं को कैश ट्रांसफर बढ़ाने का एलान किया था।
लाडली बहन योजना के तहत ज्यादा पैसे का ट्रांसफर
महायुति गठबंधन ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि लाडली बहन योजना के तहत हर माह ट्रांसफर का अमाउंट बढ़ाकर 2,100 रुपये कर दिया जाएगा। अब इस स्कीम के तहत हर माह 1,500 रुपये का ट्रांसफर लाभार्थी महिला को किया जाता है। इस स्कीम के तहत ऐसे परिवार की महिला को हर माह 1,500 रुपये ट्रांसफर किया जाता है, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है।
राज्य का फिस्कल डेफिसिट 2.8 तक पहुंच जाएगा
चुनावी वादे पूरा करने पर नई सरकार का कुल खर्च 0.2 फीसदी बढ़ जाएगा। इससे राज्य का फिस्कल डेफिसिट बढ़कर जीडीपी के 2.8 फीसदी तक पहुंच जाएगा। पहले कभी फिस्कल डेफिसिट इस लेवल तक नहीं गया था। लाडली बहन योजना के तहत 2.5 करोड़ महिलाओं को हर महीने सरकार की तरफ से कैश ट्रांसफर किया जाता है। FY24-25 में इस स्कीम पर कुल 4,612 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।